पढ़िए उस शहर की कहानी जो राम को मानता है राजा, पुलिस देती है रोज सलामी
पढ़िए उस शहर की कहानी जो राम को मानता है राजा, पुलिस देती है रोज सलामी
ओरछा। संसार में राजा तो अनेक हुए हैं, परंतु आदर्श राजा और आदर्श राज्य की जब बात आती है तो एक ही नाम हमारी जुबां पर आता है, वो है – राम। सबके लिए न्याय और सबका कल्याण, इसी सिद्धांत का ही तो पालन करते थे राजा राम।
जब श्रीराम वनवास चले गए तो भ्राता भरत स्वयं सिंहासन पर नहीं बैठे, बल्कि उनकी खड़ाऊ सिंहासन पर रखकर प्रतीक्षा करने लगे। उन्होंने राम को ही राजा स्वीकार किया। क्या आप जानते हैं कि वर्तमान में भी एक शहर ऐसा है जो राम को अपना राजा मानता है! यही नहीं, वहां भगवान राम को राजा के समान ही पुलिस द्वारा सलामी पेश की जाती है।इस शहर का नाम ओरछा है जो मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में है। यहां के लोग आज भी राम को ही अपना राजा मानते हैं। शहर में भगवान राम का एक प्राचीन मंदिर स्थित है, जहां हर रोज भव्य आरती होती है, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस शहर में करीब 400 साल पहले भगवान राम की मूर्ति का राजा के समान ही राज्याभिषेक किया गया था। तब से राम को ही इस नगर का राजा मानने की परंपरा चली आ रही है।
उन्हें किसी राजा के समान गार्ड आॅफ आॅनर पेश किया जाता है। इस दौरान यहां का नजारा बेहद खास होता है। इंटरनेट पर ओरछा राम के शहर के नाम से मशहूर हो चुका है। श्रद्धालु बताते हैं कि यहां मधुकर शाह नामक राजा शासन करते थे। वे राम के अनन्य भक्त थे। साथ ही भरत से भी बहुत प्रभावित थे। उन्होंने भरत के आदर्शों पर चलते हुए पूरा राजपाट राम के नाम लिख दिया।
कहते हैं कि मधुकर शाह की पत्नी राम की भक्त थीं। एक दिन हास्य में ही मधुकर शाह ने उन्हें चुनौती दे डाली कि वे अपने आराध्य को अयोध्या से यहां ओरछा क्यों नहीं लेकर आ जातीं। इसके बाद रानी अयोध्या गईं। माना जाता है कि वहां उन्हें भगवान के बालरूप के दर्शन हुए। वे एक प्रतिमा लेकर आईं, जिसकी यहां स्थापना की गई।
अब मधुकर शाह ने भगवान राम के सम्मान में अपना पूरा शासन उन्हें ही सौंप दिया। वे सिर्फ एक सेवक की हैसियत से राजकीय दायित्वों का निर्वहन करते। हर रोज भगवान राम को सैनिक सलामी देते। तब की वह परंपरा आज तक जारी है और ओरछावासी राम को अपना राजा समझते हैं।
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