कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद भड़का
बेकाबू कार्यकर्ताओं ने वाहनों पर किया पथराव
कन्नड़ कार्यकर्ता पुलिस के साथ उलझे
बेलगावी/दक्षिण भारत। कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच चल रहा सीमा विवाद मंगलवार को भड़क उठा। इस दौरान कन्नड़ कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र नंबर वाले वाहनों पर पथराव कर उन्हें नुकसान पहुंचाया। दरअसल पुलिस ने उन्हें हिरेबागेवाड़ी टोल प्लाजा पर रोका था, जिसके बाद वे बेकाबू हो गए और वाहनों को निशाना बनाते हुए पथराव करने लगे।
घटना उस समय हुई, जब कर्नाटक रक्षणा वेदिके के कार्यकर्ताओं ने अपने राज्य अध्यक्ष नारायणगौड़ा के नेतृत्व में मंगलवार सुबह टोल प्लाजा के माध्यम से बेलगावी में प्रवेश की कोशिश की। ये लोग महाराष्ट्र के दो कैबिनेट मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई के बेलगावी आने की संभावना के बाद विरोध प्रदर्शन के लिए रानी चेन्नम्मा सर्कल जा रहे थे। घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई महाराष्ट्र के मंत्रियों के न आने को लेकर अपील कर चुके हैं, जिसके बावजूद उनका बयान आया था कि वे 6 दिसंबर को बेलगावी आएंगे। हालांकि इस संबंध में कर्नाटक में तनाव और विभिन्न संगठनों के तीखे विरोध के बाद उन्होंने फैसला बदल लिया था।
दूसरी ओर, कन्नड़ कार्यकर्ता पुलिस के साथ उलझ गए। जब पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उनकी बहस हो गई। इस दौरान पुलिस की पकड़ से भाग छूटने की कोशिश में कुछ कार्यकर्ता घायल भी हुए।
स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस ने कई कन्नड़ कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया।
'बेलगावी कर्नाटक का अभिन्न अंग'
नारायणगौड़ा ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि बेलगावी कर्नाटक का अभिन्न अंग रहा है और कोई भी इसे दूर नहीं कर सकता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस की आलोचना की। इस दौरान उन्होंने पुलिस पर तीखे सवाल दागे और कहा कि कर्नाटकवासियों पर 'हमला' ठीक नहीं है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि वे राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र से इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे कि पुलिस ने बेलगावी में प्रवेश क्यों नहीं करने दिया। उन्होंने कहा कि वे महाराष्ट्र नहीं, बल्कि उस शहर का दौरा कर रहे थे, जो कर्नाटक में है।
वायरल वीडियो में क्या?
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आया, जिसमें कुछ लोगों को महाराष्ट्र से कर्नाटक में प्रवेश करने वाले वाहनों पर पत्थर फेंकते हुए दिखाया गया था। इसके बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई के साथ मामला उठाया और वाहनों की सुरक्षा का आश्वासन लिया।
फडणवीस के करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने बोम्मई को फोन किया और घटना पर निराशा व्यक्त की। इस पर बोम्मई ने फडणवीस को 'अपराधियों' के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने फडणवीस को यह भी भरोसा दिलाया कि महाराष्ट्र से कर्नाटक में प्रवेश करने वाले वाहनों को उचित सुरक्षा दी जाएगी।
बसों पर पेंट छिड़का
सीमा विवाद के बीच उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को पुणे शहर के स्वारगेट इलाके में कर्नाटक राज्य परिवहन की कम से कम तीन बसों पर काले और नारंगी रंग का पेंट छिड़क दिया। उन्होंने इन बसों पर 'जय महाराष्ट्र' भी लिखा।
शिवसेना (यूबीटी) गुट के एक स्थानीय नेता ने पुष्टि की कि उन्होंने बसों को पेंट किया है। बताया गया कि शिवसेना (यूबीटी) गुट के कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की कम से कम दो-तीन बसों पर काले रंग का छिड़काव किया। उन्होंने इन बसों पर 'जय महाराष्ट्र' लिखने के लिए नारंगी स्प्रे का भी इस्तेमाल किया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि बसों को रंगने वाले चार से पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है।
राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा
कन्नड़ समर्थक संगठनों ने 'शक्ति प्रदर्शन' करते हुए बेलगावी शहर में महाराष्ट्र के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के प्रस्तावित दौरे के खिलाफ प्रदर्शन किया। आंदोलन का नेतृत्व करने वाली कर्नाटक रक्षणा वेदिके ने बुधवार से राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
कन्नड़ संगठनों के नेता महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई की प्रस्तावित यात्रा का विरोध कर रहे हैं, जो बाद में स्थगित हो गई थी।
कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन के लिए तख्तियां, बैनर, पोस्टर, कन्नड़ झंडे थामे और महाराष्ट्र के खिलाफ नारे लगाए। ऐसी भी खबरें थीं कि कार्यकर्ताओं ने बेलगावी में महाराष्ट्र नंबर वाले कुछ ट्रकों की नंबर प्लेट काली कर दी थीं।
सुरक्षा के इंतजाम
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। सूत्रों ने कहा कि ऐसी भी खबरें थीं कि महाराष्ट्र से शिवसेना कार्यकर्ताओं का एक दल बेलगावी का दौरा करेगा, जिसने प्रदर्शनकारियों को और उत्तेजित कर दिया।
कर्नाटक में बेलगावी जिला प्रशासन ने सोमवार को महाराष्ट्र के दो मंत्रियों और नेताओं के शहर में प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की गई थी, जिसमें एक सांसद के अलावा, जो सीमा विवाद पर महाराष्ट्र उच्च शक्ति समिति के सदस्य हैं, के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी।
क्या बोले टीए नारायण गौड़ा?
टीए नारायण गौड़ा ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, अगर हमें बेलगावी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है तो और किसे होनी चाहिए? क्या ये महाराष्ट्र के लोग हैं? मैं कर्नाटक के लिए लड़ने वालों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की निंदा करता हूं।
गौड़ा ने बुधवार से राज्यव्यापी आंदोलन का आह्वान किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, कर्नाटक के सभी 31 जिलों में आंदोलन होगा।
यह है विवाद
बता दें कि महाराष्ट्र इस आधार पर बेलगावी के विलय की मांग कर रहा है कि जिले में मराठी भाषी आबादी काफी है, जिसका कर्नाटक विरोध करता रहा है। बेलगावी तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। इस आधार पर महाराष्ट्र ने 814 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हाल में महाराष्ट्र के अक्कलकोट और सोलापुर में कन्नड़ भाषी क्षेत्रों के विलय की मांग की थी और यह भी कहा था कि सांगली जिले के जाट तालुका के कुछ गांव दक्षिणी राज्य में शामिल होना चाहते हैं।