1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता की जीत था: राजनाथ सिंह

'अन्याय पर न्याय की जीत का दिन

1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता की जीत था: राजनाथ सिंह

16 दिसंबर, 1971 को 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था

नई दिल्ली/भाषा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को विजय दिवस के अवसर पर कहा कि 1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता और अन्याय पर न्याय की जीत था।

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विजय दिवस 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में मनाया जाता है। बांग्लादेश, जो तब पाकिस्तान का हिस्सा था, युद्ध के बाद एक स्वतंत्र देश के रूप में अस्तित्व में आया था।

राजनाथ ने ट्वीट किया, आज विजय दिवस के अवसर पर देश भारत के सशस्त्र बलों के अनुकरणीय साहस, शौर्य और बलिदान को नमन करता है। 1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता, दुराचार पर सदाचार और अन्याय पर न्याय की जीत था। भारत को अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी 1971 के युद्ध में भारत को जीत दिलाने वाले बहादुर भारतीय सशस्त्र बलों को सलाम किया। उन्होंने ट्वीट किया, विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्र के साथ उन बहादुर भारतीय सशस्त्र बलों को सलाम करें, जिनकी वीरता के कारण 1971 के युद्ध में निर्णायक जीत मिली। हम उनकी सेवा और बलिदान के सदैव आभारी रहेंगे।

16 दिसंबर, 1971 को लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना और ‘मुक्ति वाहिनी’ के संयुक्त बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था, जिससे बांग्लादेश के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ था।

इससे पहले, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने विजय दिवस की पूर्व संध्या पर बृहस्पतिवार को ‘ऐट होम’ कार्यक्रम की मेजबानी की थी, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य हस्तियों ने हिस्सा लिया था।

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