'नशामुक्त भारत’ बनाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे: शाह
वर्ष 2019 से विभिन्न चरणों में चार स्तरीय एन-कोड समिति की स्थापना की है
'जब तक जिला स्तर पर इस विषय की मीमांसा नहीं की जाएगी, तब तक हमारी लड़ाई सफल नहीं होगी'
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि ड्रग्स के कारोबार और इस से होने वाली कमाई के खिलाफ हमारी सरकार की 'जीरो टॉलरेंस' की नीति है। नशामुक्त भारत के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह लड़ाई केंद्र या राज्य की नहीं, बल्कि हम सबकी है और इसके वांछित परिणाम के लिए बहु-आयामी प्रयास आवश्यक हैं।
शाह ने कहा कि ड्रग्स की छोटी से छोटी जब्ती को भी हम इसोलेशन में नहीं देख सकते हैं। हवाईअड्डे या पोर्ट से एक छोटी दुकान तक ड्रग्स कैसे पहुंची, इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। मुझे खुशी है कि राज्यों के सहयोग से ऐसे मामलों में जांच दोगुनी हुई है।शाह ने कहा कि हमने वर्ष 2019 से विभिन्न चरणों में चार स्तरीय एन-कोड समिति की स्थापना की है, जिसमें जिले से लेकर केंद्र तक समन्वय स्थापित किया है। जब तक जिला स्तर पर इस विषय की मीमांसा नहीं की जाएगी, तब तक हमारी लड़ाई सफल नहीं होगी।
शाह ने कहा कि भारत की तरफ से इंटरपोल को आग्रह किया गया है कि नारकोटिक्स और आतंकवाद के गठजोड़ का रियल टाइम इन्फॉर्मेंशन का सिस्टम बनाए। इससे विभिन्न देशों के बीच समन्वय बढ़ेगा।
शाह ने कहा कि एनसीबी के तहत 419 पदों का सृजन किया गया है। हमने 472 जिलों में ड्रग्स मैपिंग कर ड्रग्स की सप्लाई के रूट्स चिह्नित किए हैं और इसके तहत बड़ी मात्रा में जब्ती भी की गई है। कितना भी बड़ा अपराधी हो, आने वाले दो साल में वो जेल की सलाखों के पीछे होगा।
शाह ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर हमने एक लक्ष्य लिया था कि हम 60 दिन में 75 हजार किलो ड्रग्स जलाएंगे, लेकिन मुझे बताते हुए हर्ष हो रहा है कि हमने 1 लाख 60 हजार किलो से अधिक ड्रग्स को जलाया है।