देश में तीन वर्षों में गांव स्तर पर 2 लाख प्राथमिक डेयरी स्थापित की जाएंगी: शाह
शाह ने गेजलगेरे में एक विशाल डेयरी का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित किया
'कर्नाटक उन राज्यों में है जहां सहकारी डेयरी बहुत अच्छी तरह से काम कर रही हैं'
मांड्या/भाषा। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि तीन साल में देशभर में ग्रामीण स्तर पर दो लाख प्राथमिक डेयरी स्थापित की जाएंगी, जो किसानों को श्वेत क्रांति से जोड़ेंगी और भारत को दुग्ध क्षेत्र में एक बड़ा निर्यातक बनाएंगी।
शाह ने एक अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने और भारत के किसानों के लिए प्रगति का मार्ग खोलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना भी की।शाह ने कहा, ‘आजादी के तुरंत बाद भारतीय किसानों ने मांग की थी कि सहकारिता मंत्रालय, कृषि मंत्रालय से अलग होना चाहिए, यदि किसी ने इस पर काम किया होता, तो आज भारतीय किसानों की स्थिति कुछ और होती।’
यहां गेजलगेरे में एक विशाल डेयरी का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, इस मंच से मैं देश भर में सहकारी समितियों से जुड़े सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि अब उनके साथ कोई अन्याय नहीं होगा, यह भारत सरकार का फैसला है।
शाह ने कहा कि अगले तीन वर्षों में देश की प्रत्येक पंचायत में एक प्राथमिक डेयरी स्थापित करने का निर्णय लिया गया है और इसके लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने तीन साल की कार्य योजना तैयार की है।
उन्होंने कहा, ‘हम तीन साल में देश भर में ग्रामीण स्तर पर 2 लाख प्राथमिक डेयरी स्थापित करेंगे, इसके माध्यम से हम देश भर के किसानों को श्वेत क्रांति से जोड़ेंगे और इससे भारत दुग्ध क्षेत्र में एक बड़ा निर्यातक बन जाएगा।’
इस दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, आदिचुनचनागिरि मठ के प्रमुख निर्मलानंदनाथ स्वामीजी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्य के सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मांड्या जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक महासंघ लिमिटेड ने यहां मद्दुर तालुक के गेजलगेरे स्थित अपने परिसर में एक विशाल डेयरी इकाई की स्थापना की है।
इकाई 10 एलएलपीडी (लाख लीटर प्रतिदिन) दूध, दूध पाउडर और अन्य डेयरी उत्पादों का उत्पादन कर सकती है। परियोजना की कुल लागत 260.90 करोड़ रुपए है।
यह उल्लेखित करते हुए कि क्षमता को बढ़ाकर 14 एलएलपीडी किया जा सकता है, शाह ने कहा, जब इतनी बड़ी मात्रा में दूध का प्रसंस्करण किया जाएगा तो इससे लाखों किसानों और उनके परिवारों में खुशी आएगी।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक उन राज्यों में है जहां सहकारी डेयरी बहुत अच्छी तरह से काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘राज्य में 15,210 ग्राम स्तरीय सहकारी डेयरी हैं, जहां 26,22,000 किसान दूध की आपूर्ति करते हैं। 16 जिला स्तरीय डेयरी के माध्यम से 26 लाख किसानों के बैंक खाते में 28 करोड़ रुपए जा रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि 1975 से 2022 तक कर्नाटक ने डेयरी क्षेत्र में अच्छी प्रगति की है। उन्होंने कहा कि 1975 में 66,000 किलोलीटर दूध का प्रसंस्करण होता था और अब प्रतिदिन 82 लाख किलोलीटर दूध का प्रसंस्करण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि दुग्ध संघ का सालाना कारोबार 4 करोड़ रुपए का होता था, जो अब बढ़कर 25 हजार करोड़ रुपए का हो गया है। उन्होंने कहा कि कारोबार का एक बड़ा हिस्सा आज किसानों के हाथ में जा रहा है।
शाह ने कहा कि अमूल और नंदिनी (केएमएफ की) मिलकर यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेंगे कि कर्नाटक के हर गांव में एक प्राथमिक डेयरी हो। शाह ने कहा कि तीन साल में कर्नाटक में एक भी ऐसा गांव नहीं होगा, जहां कोई प्राथमिक डेयरी नहीं होगी।
केएमएफ (कर्नाटक दुग्ध महासंघ) को सहकारिता मंत्रालय से सभी प्रकार की तकनीकी और अन्य सहायता का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक और गुजरात मिलकर दूध उत्पादक किसानों के कल्याण के लिए चमत्कार कर सकते हैं।
उन्होंने डेयरी क्षेत्र और इससे जुड़े किसानों को समर्थन देने के लिए बोम्मई सरकार की सराहना भी की।