गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में तमिलनाडु को अव्वल बनाने के लिए प्रयासरत शिक्षा विभाग: स्टालिन
उन्होंने कहा कि सभी को शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए
उन्होंने कहा, मैं दोहराता हूं कि शिक्षा ही ऐसी संपत्ति है, जिसे चुराया नहीं जा सकता
चेन्नई/दक्षिण भारत। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गुरुवार को कहा कि राज्य स्कूल शिक्षा विभाग विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में देश में प्रथम स्थान पर पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
शहर में विद्योदय स्कूलों के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए स्टालिन ने बालिकाओं को शिक्षा की गारंटी देने में स्कूलों के योगदान को विस्तार से बताया और कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में तमिलनाडु राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर है। स्कूल शिक्षा विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के मामले में राज्य को देश में प्रथम स्थान पर ले जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।उन्होंने कहा कि सभी को शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए, विशेषकर बालिकाओं को। ऐसी शिक्षा केवल अंक हासिल करने वाली नहीं होनी चाहिए। इसे महिलाओं के सम्मान में सुधार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने 1924 में उद्घाटन किए गए विद्योदय विद्यालयों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने छात्राओं के लिए विशेष स्कूल शुरू करके एक क्रांति को प्रज्वलित किया, जब लड़कियों को शिक्षा के लिए घर से बाहर भेजने पर पाबंदी थी।
स्टालिन ने कहा कि ऐसे लोग अब भी मौजूद हैं, जो महिलाओं को अपने घर की चारदीवारी में बंद करने की सोचते हैं और उनके अधिकारों को छीन लेते हैं। आप उनके प्रतिगामी विचारों को कूड़ेदान में फेंक दें और सीखना जारी रखें।
उन्होंने कहा, मैं दोहराता हूं कि शिक्षा ही ऐसी संपत्ति है, जिसे चुराया नहीं जा सकता। ऐसे लोगों की चाल, जो नहीं चाहते कि आप शिक्षा रूपी धन प्राप्त करें, सफल नहीं होनी चाहिए। यह निश्चित रूप से सफल नहीं होगी।