आज भारत के प्रयासों की चर्चा पूरी दुनिया कर रही है: मोदी

प्रधानमंत्री ने आईटीयू एरिया ऑफिस एंड इनोवेशन सेंटर का उद्घाटन किया

आज भारत के प्रयासों की चर्चा पूरी दुनिया कर रही है: मोदी

आज भारत, 100 करोड़ मोबाइल फोन के साथ दुनिया का सबसे कनेक्टेड लोकतंत्र है

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां आईटीयू एरिया ऑफिस एंड इनोवेशन सेंटर का उद्घाटन किया। इस अवसर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन बहुत विशेष है, बहुत पवित्र है। आज से ‘हिन्दू कैलेंडर’ का नया वर्ष शुरू हुआ है। मैं आप सभी को और सभी देशवासियों को विक्रम संवत 2080 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। हमारे इतने विशाल देश में, विविधता से भरे देश में सदियों से अलग-अलग कैलेंडर्स प्रचलित हैं। कोल्लम काल का मलयालम कैलेंडर है, तमिल कैलेंडर है, जो सैकड़ों वर्षों से भारत को तिथिज्ञान देते आ रहे हैं। विक्रम संवत भी 2080 वर्ष पहले से चल रहा है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में अभी वर्ष 2023 चल रहा है, लेकिन विक्रम संवत उससे भी 57 वर्ष पहले का है। 

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प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि नव वर्ष के पहले दिन टेलिकॉम, आईसीटी और इससे जुड़े इनोवेशन को लेकर एक बहुत बड़ी शुरुआत भारत में हो रही है। आज यहां आईटीयू के एरिया ऑफिस और सिर्फ एरिया ऑफिस नहीं, एरिया ऑफिस और इनोवेशन सेंटर की स्थापना हुई है। इसके साथ-साथ आज 6जी टेस्ट-बेड को भी लॉन्च किया गया है। इस टेक्नोलॉजी से जुड़े हमारे विजन डॉक्यूमेंट का अनावरण किया गया है। यह डिजिटल इंडिया को नई ऊर्जा देने के साथ ही साउथ एशिया के लिए, ग्लोबल साउथ के लिए, नए समाधान, नए इनोवेशन लेकर आएगा। खासकर हमारे एकेडिमिया, हमारे इनोवेटर्स-स्टार्ट अप्स, हमारी इंडस्ट्री के लिए इससे अनेक नए अवसर बनेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब भारत, जी-20 की प्रेसीडेंसी कर रहा है, तो उसकी प्राथमिकताओं में क्षेत्रीय विभाजन को कम करना भी है। कुछ सप्ताह पहले ही भारत ने वैश्विक दक्षिण शिखर सम्मेलन का आयोजन किया है। वैश्विक दक्षिण की यूनिक जरूरतों को देखते हुए, टेक्नोलॉजी, डिजाइन और स्टैंडर्ड्स की भूमिका बहुत अहम है। वैश्विक दक्षिण अब तकनीकी विभाजन को भी तेजी से जोड़ने में जुटा है। आईटीयू का यह एरिया ऑफिस एवं इनोवेशन सेंटर, इस दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। मैं ग्लोबल साउथ में यूनिवर्सल कनेक्टिविटी के निर्माण को लेकर भारत के प्रयासों को भी ये अत्यंत गति दायक और गति देने वाला होगा। इससे साउथ एशियाई देशों में आईसीटी सेक्टर में सहयोग और सहभागिता भी मजबूत होगी और इस अवसर पर विदेश के भी बहुत-बहुत मेहमान आज हमारे यहां मौजूद हैं। मैं आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं, बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम टेक्नॉलॉजिकल डिवाइड को ब्रिज करने की बात करते हैं तो भारत से अपेक्षा करना भी बहुत स्वाभाविक है। भारत की सामर्थ्य, भारत का इनोवेशन कल्चर, भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर, भारत का स्किल्ड और इनोवेटिव मैनपावर, भारत का अनुकूल नीतिगत वातावरण, ये सारी बातें इस अपेक्षा का आधार हैं। इनके साथ ही भारत के पास जो दो प्रमुख शक्तियां हैं, वो हैं ट्रस्ट और दूसरा है स्केल। बिना ट्रस्ट और स्केल, हम टेक्नॉलॉजी को कोने-कोने तक नहीं पहुंचा सकते हैं और मैं तो कहूंगा कि ट्रस्ट की ये टेक्नॉलॉजी जो वर्तमान की है, उसमें ट्रस्ट एक पूर्व शर्त है। 

इस दिशा में भारत के प्रयासों की चर्चा आज पूरी दुनिया कर रही है। आज भारत, 100 करोड़ मोबाइल फोन के साथ दुनिया का सबसे कनेक्टेड लोकतंत्र है। सस्ते स्मार्टफोन और सस्ते इंटरनेट डेटा ने भारत के डिजिटल वर्ल्ड का कायाकल्प कर दिया है। 

आज भारत में हर महीने 800 करोड़ से अधिक यूपीआई आधारित डिजिटल पेमेंट्स होते हैं। आज भारत में हर दिन 7 करोड़ ई-प्रमाणीकरण होते हैं। भारत के कोविन प्लेटफार्म के माध्यम से देश में 220 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगी है। बीते वर्षों में भारत ने 28 लाख करोड़ रुपए से अधिक, सीधे अपने नागरिकों के बैंक खातों में भेजे हैं, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण। 

जनधन योजना के माध्यम से हमने अमेरिका की कुल आबादी से भी ज्यादा लोगों के बैंक खाते खोले हैं। और उसके बाद यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी यानि आधार के द्वारा उन्हें प्रमाणित किया, और फिर 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को मोबाइल के द्वारा कनेक्ट किया। जनधन – आधार – मोबाइल- जेएएम। जेएएम ट्रिनिटी की यह ताकत विश्व के लिए एक अध्ययन का विषय है।

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