'लाइक' का जाल
इन दिनों पार्ट टाइम जॉब और आसानी से लाखों की कमाई के झांसे में आकर लोग जीवनभर की बचत गंवा रहे हैं
ठगी के मामले में एसओजी ने कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके बैंक खाते खंगाले तो होश उड़ गए
हमारे पूर्वजों ने कहा था कि 'लालच बुरी बला है ... इससे बचकर रहें।' दुनिया में बड़े-बड़े अपराधों की जड़ में कहीं-न-कहीं लालच मौजूद होता है। आज लोग उच्च शिक्षित हैं। उनके पास आधुनिक तकनीकी ज्ञान है, लेकिन वे भी लालच से मुक्त नहीं हो पाए। हर दिन उनमें से कोई व्यक्ति अपना नुकसान करा बैठता है। साइबर ठगों ने इन्सान की इस कमजोरी का खूब फायदा उठाया है। वे अब भी उठा रहे हैं।
इन दिनों पार्ट टाइम जॉब और आसानी से लाखों की कमाई के झांसे में आकर लोग जीवनभर की बचत गंवा रहे हैं। इससे सावधान रहने की जरूरत है। राजस्थान में तो एक महिला मनोवैज्ञानिक से ठगों ने 43 लाख रुपए ऐंठ लिए! जब इतने उच्च शिक्षित लोगों को साइबर ठग चूना लगा सकते हैं तो आम आदमी उनके जाल से कितना सुरक्षित है? इसलिए बहुत जरूरी है कि इन ठगों से सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और दूसरों को भी जागरूक करें।चूंकि कोरोना काल में ऑनलाइन गतिविधियां बढ़ी हैं। अब कई लोगों के लिए इंटरनेट कमाई का जरिया है और वे जायज तरीकों से धन कमा रहे हैं, लेकिन यहां धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। खासतौर से 'पार्ट टाइम जॉब' और आसानी से पैसा कमाने का लालच ऐसा 'फंदा' है, जिसमें कोई शिकार जरूर फंस जाता है।
ऐसे मामलों में साधारण शिक्षित और उच्च शिक्षित, हर तरह के लोग झांसे में आ रहे हैं। इन दिनों साइबर ठग ऐसे लोगों को जाल में फंसाने के लिए कहते हैं कि यूट्यूब पर वीडियो लाइक कीजिए और पैसा कमाइए ... एक दिन में हजारों की कमाई होगी! यह पढ़कर हर कोई सोचेगा कि 'एक वीडियो लाइक करने में एक सेकंड लगेगा ... तो मैं क्यों न धनवान बन जाऊं!'
यहीं से लालच की शुरुआत होती है। साइबर ठग शुरुआत में थोड़ी-थोड़ी रकम देते भी हैं। जब उन्हें महसूस होता है कि अमुक व्यक्ति पूरी तरह उनके जाल में फंस गया है तो उसका 'शिकार' करते हैं। उससे कहा जाता है कि वीडियो लाइक करने में ग़लती हो गई है। इसमें सुधार के लिए कुछ रकम भेजनी होगी। फिर शुरू होता है लूट का खेल।
साइबर ठग विभिन्न शर्तों के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में रुपए मंगवाने लगते हैं। शुरुआत में 'शिकार' को लगता है कि मामूली रकम से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा और ये रुपए तो वापस उसके पास आएंगे, इसलिए वह ठगों के खातों में रुपए जमा कराता रहता है। जब यह आंकड़ा हजारों से लाखों रु. में पहुंचता है तो उसे अहसास होता है कि वह ठगी का शिकार हो गया है।
महिला मनोवैज्ञानिक से ठगी के मामले में एसओजी ने कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके बैंक खाते खंगाले तो होश उड़ गए! इन लोगों ने एक पखवाड़े में ही करीब 22 करोड़ रुपए का लेनदेन किया था। इससे पता चलता है कि देशभर में कितने लोग लालच के वशीभूत होकर इनके जाल में फंसे हैं।
अभी जांच में शुरुआती आंकड़े सामने आए हैं। जब इन ठगों के और कारनामे उजागर होंगे तो आंकड़ा बढ़ सकता है। यह कोई पहला मामला नहीं है। नोएडा में भी एक युवती से ‘पार्ट टाइम जॉब’ के नाम पर साइबर ठगों ने 8.77 लाख रुपए ठग लिए थे। उसके पास वॉट्सऐप पर मैसेज आया तो वह अच्छी कमाई के वादे के कारण झांसे में आ गई।
उसके बाद युवती को यूट्यूब पर वीडियो लाइक करने का ‘टास्क’ दे दिया गया। उसे शुरुआत में कुछ रुपए भी दिए, लेकिन फिर टैक्स आदि के नाम पर उससे रुपए मंगाने लगे। जब युवती उनको लाखों रुपए भेज चुकी, तब उसे अहसास हुआ कि वह बहुत बड़ी ठगी की शिकार हो गई है।
सवाल है- लोग ऐसे झांसे में क्यों आ जाते हैं? जवाब है- लालच, आसानी से रुपए कमाने और जल्द धनवान होने की इच्छा। उन्हें लगता है कि काम ज्यादा मेहनत का नहीं है। बस, इधर हम वीडियो लाइक करते जाएंगे और उधर हमारे बैंक खाते में धनवर्षा होती रहेगी! यह लालच उन्हें नुकसान में धकेलता जाता है। उन्हें वास्तविकता का तब पता चलता है, जब बहुत देर हो जाती है।
निस्संदेह ऐसे ठगों को दबोचना और उन्हें न्यायालय से सजा दिलवाना पुलिस का काम है, लेकिन जनता को भी जागरूक होने की जरूरत है। जब ऐसा कोई 'ऑफर' आता है तो लोगों को खुद से यह सवाल करना चाहिए कि वह व्यक्ति वीडियो लाइक कर खुद ही धनवान क्यों नहीं बन जाता? अगर वीडियो लाइक करने मात्र से मोटी कमाई संभव होती तो आज दुनिया में हर व्यक्ति अरबपति हो जाता!
साइबर ठगों के झूठे वादों पर विश्वास कर उन्हें लाखों रुपए भेजने से बेहतर है कि उसी पूंजी के साथ ईमानदारी से स्वरोजगार करें। करोड़ों रुपए के सब्ज-बाग पर भरोसा कर जीवनभर की बचत गंवाने से तो खुद की मेहनत से कमाए गए हज़ार रुपए बेहतर हैं।