कर्नाटक चुनाव: किस पार्टी को मिल रही कितनी सीटों पर बढ़त?

शुक्रवार को सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी-अपनी रणनीति पर चर्चा की

कर्नाटक चुनाव: किस पार्टी को मिल रही कितनी सीटों पर बढ़त?

निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क साधने को लेकर मंथन किया

बेंगलूरु/दक्षिण भारत/भाषा। कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना शुरू हो गई है। रुझानों में भाजपा को 31, कांग्रेस को 29 और जद (एस) को 6 सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है। 

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इससे पहले, शुक्रवार को सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी-अपनी रणनीति पर चर्चा की और निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क साधने को लेकर मंथन किया।

मतदान के बाद सामने आए विभिन्न चुनावी सर्वे में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होने के संकेत मिलने के चलते दोनों दल जीत दर्ज करने की संभावना वाले निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने पाले में करना चाहते हैं।

यहां कांग्रेस अध्यक्ष एम मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर पार्टी महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिवकुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर सहित अन्य नेताओं के बीच गहन चर्चा हुई।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेताओं ने नवनिर्वाचित विधायकों को एकजुट रखने के तरीकों पर चर्चा की और स्पष्ट जनादेश न होने की स्थिति में निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क साधने के बारे में भी विचार-विमर्श किया।

राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में 73.19 प्रतिशत का ‘रिकॉर्ड’ मतदान दर्ज किया गया था।

ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ में कांग्रेस को भाजपा से थोड़ी बढ़त मिलने का पूर्वानुमान जताया गया है, जबकि त्रिशंकु विधानसभा की भी आशंका जताई गई है।

कांग्रेस विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त की आशंका से जुड़े सवाल पर परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस बार हम सतर्क रहेंगे।’

इस बीच, भाजपा खेमे में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा के आवास पर मंत्रियों मुरुगेश निरानी, बैराथी बसवराज, पार्टी सांसद लहर सिंह सिरोया और एटी रामास्वामी सहित पार्टी के अन्य नेताओं के साथ चर्चा की।

बोम्मई ने भरोसा जताया कि भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ ‘जादुई आंकड़े’ को पार करेगी। उन्होंने कहा कि अब अन्य राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन की बातचीत का सवाल ही नहीं उठता।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेताओं ने भी अपने नवनिर्वाचित विधायकों को एकजुट रखने की रणनीति बनाई है। पार्टी निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ ही छोटे दलों के ऐसे उम्मीदवारों से संपर्क करने का प्रयास कर रही है, जिनके जीतने की संभावना है।

वहीं, जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी की अनुपस्थिति में पार्टी संरक्षक और पूर्वप्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कथित तौर पर पार्टी के उन उम्मीदवारों से संपर्क किया है, जो जीत सकते हैं। देवेगौड़ा ने ऐसे उम्मीदवारों को फोन किया और उन्हें पार्टी और उसके नेतृत्व के प्रति वफादार रहने को कहा है।

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