पश्चिमी अफगानिस्तान में फिर आया भूकंप, 6.3 मापी गई तीव्रता
भूकंप का केंद्र प्रांतीय राजधानी हेरात से लगभग 34 किलोमीटर दूर और सतह से आठ किलोमीटर (पांच मील) की गहराई में था
हेरात में सात अक्टूबर को आए भूकंप के कारण तमाम गांव तबाह हो गए थे
इस्लामाबाद/एपी। पश्चिमी अफगानिस्तान में रविवार को 6.3 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इससे करीब एक सप्ताह पहले ही अफगानिस्तान के इसी क्षेत्र में आए भूकंप और इसके बाद के झटकों में हजारों लोगों की मौत हो गई और इलाके में तमाम गांव तबाह हो गये थे।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने बताया कि रविवार को आए भूकंप का केंद्र प्रांतीय राजधानी हेरात से लगभग 34 किलोमीटर दूर और सतह से आठ किलोमीटर (पांच मील) की गहराई में था।सहायता समूह ‘डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स’ ने कहा कि भूकंप में दो लोगों की मौत होने की खबर है, जबकि रविवार को आए भूकंप में घायल हुए 100 से अधिक लोग हेरात क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाए गए हैं।
इससे पहले, हेरात प्रांत में आपातकालीन राहत दल के प्रमुख मोहम्मद जहीर नूरजई ने बताया कि भूकंप में अब तक एक व्यक्ति की मौत होने और लगभग 150 अन्य के घायल होने की सूचना है। उन्होंने बताया कि हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि राहतकर्मी सभी प्रभावित क्षेत्रों तक अभी नहीं पहुंच पाए हैं।
हेरात के एक शहर के निवासी सैयद काजिम रफीकी (42) ने कहा कि उन्होंने पहले कभी इतने बड़े स्तर पर तबाही नहीं देखी। उन्होंने कहा कि अधिकतर मकान नष्ट हो गए है और ‘लोग डर गए हैं।’ रफीकी और अन्य लोग रक्तदान करने के लिए अस्पताल गए।
उन्होंने कहा, ‘हमें हर संभव मदद करनी होगी।’
हेरात में सात अक्टूबर को आए भूकंप के कारण तमाम गांव तबाह हो गए थे। यह देश के हालिया इतिहास में आए सबसे विनाशकारी भूकंप में से एक था।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया था कि इस भूकंप में मारे गए लोगों में 90 फीसदी से अधिक महिलाएं और बच्चे थे।
तालिबान अधिकारियों ने कहा था कि शनिवार को आए भूकंप के कारण हेरात प्रांत में दो हजार से अधिक लोगों की जान चली गई। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, भूकंप का केंद्र जेंदा जान जिले में था। इस जिले में 1,294 लोगों की जान गई, 1,688 लोग घायल हुए और लगभग सभी मकान नष्ट हो गए।
शुरुआत में आए भूकंप, भूकंप बाद के झटकों और इसके बाद बुधवार को फिर से आए 6.3 तीव्रता वाले भूकंप के कारण तमाम गांव तबाह हो गए।