आज हर समस्या के समाधान के लिए भारत की ओर आशा के साथ देख रहा विश्व: शाह
अमित शाह ने नई दिल्ली के बुराड़ी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन किया
शाह ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने अनेक मौकों पर संघर्ष किया
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली के बुराड़ी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं आज यहां राष्ट्रीय अधिवेशन के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर कितना गौरव महसूस कर रहा हूं, यह मैं आपको समझा नहीं पाऊंगा। यह अनुभव वही व्यक्ति कर सकता है, जिसकी शुरुआत राजकोट अधिवेशन में पांडाल के अंत में बैठकर हुई है और वो आज मुख्य अतिथि बनकर यहां खड़ा है।
शाह ने कहा कि मैं विश्व की शिक्षा व्यवस्था के सबसे बड़े संगठन के अधिवेशन में बोल रहा हूं। मैं जानता हूं कि यह एक ऐसा संगठन है, जो न केवल शिक्षा प्रणाली की खामियों को दूर करने का प्रयास करता है, बल्कि अपने छात्रों के चरित्र निर्माण में भी मदद करता है।शाह ने कहा कि यह अधिवेशन दो दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है- यह विद्यार्थी परिषद के अमृत वर्ष में प्रवेश करने वाला अधिवेशन है। यह अधिवेशन आजादी के अमृतकाल में प्रवेश करने वाला अधिवेशन है।
शाह ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने अनेक मौकों पर संघर्ष किया। ज्ञान, शील, एकता के अपने मूलमंत्र को आत्मसात् करते हुए, धैर्यपूर्वक एक पथ का निर्माण किया और देश के सामने, शिक्षा जगत के सामने एवं देश की सीमाओं के सामने जो भी चुनौतियां आईं, उस हर चुनौती के साथ विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया है। यह देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।
शाह ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की साल 1949 से 2023 तक की यात्रा देश के विकास के साथ-साथ जुड़ी है। ढेर सारी चीजों में विद्यार्थी परिषद ने 'स्व' जोड़ने का संघर्ष किया है। चाहे भाषा का आंदोलन हो, शिक्षा का आंदोलन हो, चाहे संस्कृति को बरकरार रखना हो। हर चीज में 'स्व' का महत्व विद्यार्थी परिषद ने समाज को युवाओं के माध्यम से बताया है।
शाह ने कहा कि अमृत महोत्सव और अमृतकाल का जो संकल्प नरेद्र मोदी ने देश के सामने रखा है, वह आपके लिए है। क्योंकि इसे देखने के लिए आप सभी होंगे। जब आजादी के 100 वर्ष पूरे हों, तब उस आजादी के लिए बलिदान देने वाली सभी हुतात्माओं की कल्पना का भारत बनाने की जिम्मेदारी विद्यार्थी परिषद जैसे संगठन की है, मेरे सामने जो विराट युवाशक्ति बैठी है उसकी है।
शाह ने कहा कि युवाशक्ति किसी भी देश की रीढ़ की हड्डी होती है और युवाशक्ति ही देश एवं समाज को शिखर पर ले जाने का काम करती है। भारत में ढेर सारे युवाओं ने युग परिवर्तन किया है। आपको तो रास्ता तलाशने की भी जरूरत नहीं है, 75 वर्षों में विद्यार्थी परिषद की पीढ़ियों ने ज्ञान, शील, एकता का जो रास्ता बनाकर रखा है, उसी रास्ते पर आपको चलना है। आपको सिर्फ संकल्प लेने की आवश्यकता है।
शाह ने कहा कि भारत का समय आ गया है। आज हर समस्या के समाधान के लिए विश्व भारत की ओर आशा के साथ देख रहा है। आप सभी युवाओं की जिम्मेदारी है कि यह जो परिवर्तन आया है, इस परिवर्तन को सांतत्यपूर्ण बनाते हुए हमारी कल्पना के भारत की रचना आपको करनी है।