कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं, उन्हें लगातार झूठ के बाद भी हार का सामना करना पड़ा: मोदी

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया

कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं, उन्हें लगातार झूठ के बाद भी हार का सामना करना पड़ा: मोदी

Photo: narendramodi FB page

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूं। उन्होंने विकसित भारत के संकल्प को अपने प्रवचन में विस्तार दिया है, अहम विषय उठाए हैं। राष्ट्रपति ने हम सबका और देश का मार्गदर्शन किया है। इसके लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने एक सफल चुनाव अभियान को पार करते हुए विश्व को दिखा दिया है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव अभियान था। देश की जनता ने दुनिया के सबसे बड़े चुनाव अभियान में हमें चुना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं कि लगातार झूठ चलाने के बाद भी उन्हें घोर पराजय का सामना करना पड़ा। विश्व के सबसे बड़े चुनाव अभियान में देश की जनता ने हमें तीसरी बार देश की सेवा करने का मौका दिया है। यह अपने आप में लोकतांत्रिक विश्व के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण और गौरवपूर्ण घटना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें हर कसौटी पर कसने के बाद देश की जनता ने यह जनादेश दिया है। जनता ने हमारे 10 साल के ट्रैक रिकॉर्ड को देखा है। जनता ने देखा है कि गरीबों के कल्याण के लिए हमने समर्पण भाव से 'जनसेवा ही प्रभुसेवा' के मंत्र को चरितार्थ करते हुए कार्य किए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम साल 2014 में जब पहली बार जीतकर आए थे, तो चुनाव के अभियान में भी हमने कहा था कि करप्शन के प्रति हमारा जीरो टॉलरेंस रहेगा। भ्रष्टाचार के प्रति हमारी इसी नीति के कारण देश ने हमें आशीर्वाद दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा एकमात्र मिशन है 'राष्ट्र प्रथम'! हमारा एकमात्र मिशन है 'भारत प्रथम'! हमारे कार्य, कदम और नीतियां इसी मिशन और लक्ष्य की ओर उन्मुख हैं। सभी ने देखा है कि हमने हर वह सुधार किया है, जो देश की भलाई के लिए आवश्यक था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देश ने लंबे अरसे तक तुष्टीकरण की राजनीति भी देखी है। देश ने लंबे अरसे तक तुष्टीकरण का गवर्नेंस मॉडल भी देखा है। लेकिन हम तुष्टीकरण नहीं बल्कि सन्तुष्टीकरण के विचार को लेकर चले हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम सन्तुष्टीकरण की बात करते हैं तो इसका मतलब है हर योजना का सैचुरेशन। जब हम सैचुरेशन के सिद्धांत को लेकर चलते हैं, तब सैचुरेशन सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय होता है, सैचुरेशन सच्चे अर्थ में सेक्युलरिज्म होता है। इसी के आधार पर देश की जनता ने हमें समर्थन देकर मुहर लगा दी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चुनाव ने इस बात को सिद्ध किया है कि भारत की जनता कितनी परिपक्व है, भारत की जनता कितने विवेकपूर्ण रूप से और कितने उच्च आदर्शों को लेकर अपने विवेक का सद्बुद्धि से उपयोग करती है और इसी का नतीजा है कि आज तीसरी बार हम देश की जनता के सामने नम्रतापूर्वक सेवा करने के लिए उपस्थित हुए हैं।

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