अमेरिका: तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की नई अर्जी पर होगी सुनवाई
तहव्वुर राणा चल रहा नया पैंतरा

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न्यूयॉर्क/दक्षिण भारत। अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अगले महीने मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की नई अर्जी पर सुनवाई करेंगे। राणा ने मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स को सौंपे गए आवेदन में उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की है।
लगभग 64 वर्षीय राणा वर्तमान में लॉस एंजिल्स में मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है और उसे 27 फरवरी, 2025 को अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के एसोसिएट जस्टिस और नौवें सर्किट के सर्किट जस्टिस एलेना कागन के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित मुकदमे पर रोक लगाने के लिए आपातकालीन आवेदन प्रस्तुत किया है।इस महीने की शुरुआत में कागन ने आवेदन अस्वीकार कर दिया था।
राणा ने इसके बाद न्यायमूर्ति कगन को पूर्व में संबोधित बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित रहने तक स्थगन हेतु अपना आपातकालीन आवेदन नवीनीकृत किया, तथा अनुरोध किया कि नवीनीकृत आवेदन मुख्य न्यायाधीश रॉबर्ट्स को भेजा जाए।
उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर एक आदेश में कहा गया है कि राणा के नवीनीकृत आवेदन को 4/4/2025 के लिए वितरित किया गया है और आवेदन न्यायालय को भेजा गया है।
राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।
हेडली ने हमलों से पहले राणा की इमिग्रेशन कंसल्टेंसी का कर्मचारी बनकर मुंबई की रेकी की थी।
राणा को अमेरिका में डेनमार्क में आतंकवादी साजिश को भौतिक सहायता देने की साजिश के एक मामले में तथा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को सहायता देने के एक मामले में दोषी ठहराया गया था, जो मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार था।