'भारत को भारत ही बोलें' का अंग्रेज़ी वर्जन रिलीज हुआ

महेंद्र मुणोत अभिनीत इस गीत को मिल रहा है अच्छा रेस्पांस

'भारत को भारत ही बोलें' का अंग्रेज़ी वर्जन रिलीज हुआ

अनुवाद नेहा अधिकारी एवं रवि जैन ने किया है

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। भारत काे भारत ही बाेलने के लिए प्रेरित करने वाला 'भारत नाम सम्मान’ गीत का अंग्रेजी भाषा में रूपांतरण कर फिर से फिल्माया गया है। भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार में जुटा 'मैं भारत हूं फाउंडेशन’ द्वारा प्रायाेजित इस गीत की लेखिका लता हया हैं।
 
गीत काे संगीतबद्ध दिलीप सेन ने किया है। पत्रकार विजय कुमार जैन के अभियान 'भारत काे भारत ही बाेलें’ गीत का अंग्रेजी में अनुवाद नेहा अधिकारी एवं रवि जैन ने किया है। इस गीत में समीर विजयकुमार एवं खुशबू जैन ने आवाज दी और बीपी हरिहरन द्वारा निर्देशित 'भारत इज माइ नेम’ का वीडियाे आनंद सिनेमा बैनर तले फिल्माया गया है।

Dakshin Bharat at Google News
इस गीत वीडिया में मुख्य भूमिका महेंद्र मुणाेत ने निभाई है तथा लाेगाें काे भारत काे भारत कहने के लिए प्रेरित किया है। इस वीडियाे में नृत्य परिकल्पना हर्ष, छायाकंन गगन आर एवं संकलन पुत्तू पाटिल ने किया है।

अंग्रेजी भाषा के इस गीत काे बेंगलूरु के विभिन्न क्षेत्राें में फिल्माया गया, जिसमें सैकड़ाें युवाओं एवं विद्यार्थियाें ने सक्रिय भूमिका निभाई है। महेन्द्र मुणाेत ने बताया कि जिस तरह हिन्दी भाषा में इस गीत काे खूब प्रसिद्धि मिली है, ठीक उसी प्रकार इस अंग्रेज़ी गीत काे भी यूट्यूब चैनल में महेंद्र मुणाेत भारत 2 पर देखा जा सकता है।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

कर्मसत्ता से कोई नहीं बच सकता, जो करेंगे, वो ही हम भरेंगे: आचार्यश्री विमलसागरसूरी कर्मसत्ता से कोई नहीं बच सकता, जो करेंगे, वो ही हम भरेंगे: आचार्यश्री विमलसागरसूरी
व्यक्ति जाे बीज बाेता है, वही फसल उसे मिलती है
आरएसएस ने परिसीमन पर चर्चा कर रहे दलों से पूछा- 'क्या आप सचमुच चिंतित हैं?'
बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्त्वों द्वारा हिंदुओं पर अत्याचार गंभीर चिंता का विषय: आरएसएस
परिसीमन से लोकसभा और राज्यसभा में किसी राज्य का प्रतिनिधित्व कम नहीं होना चाहिए: जगन मोहन रेड्डी
स्टालिन के नेतृत्व में परिसीमन पर पहली जेएसी बैठक शुरू
समाज को बांटने की नहीं, जोड़ने की कोशिश करनी चाहिए: आचार्यश्री विमलसागरसूरी
... तो आम आदमी कितना सुरक्षित?