बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्त्वों द्वारा हिंदुओं पर अत्याचार गंभीर चिंता का विषय: आरएसएस
आरएसएस ने कहा कि हिंदुओं पर अत्याचार मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है

Photo: RSSOrg FB Page
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कट्टरपंथी तत्त्वों द्वारा हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ कथित रूप से योजनाबद्ध हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न पर शनिवार को गंभीर चिंता जताई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की बैठक के दूसरे दिन बांग्लादेश पर एक प्रस्ताव पारित किया गया।आरएसएस ने कहा कि हिंदुओं पर अत्याचार मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है।
प्रस्ताव में कहा गया है, 'अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्त्वों के हाथों हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ जारी और योजनाबद्ध हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करती है।'
इसमें आगे कहा गया है कि बांग्लादेश में हाल ही में हुए शासन परिवर्तन के दौरान मठों, मंदिरों, दुर्गापूजा पंडालों और शैक्षणिक संस्थानों पर हमले, देवी-देवताओं की मूर्तियों को अपवित्र करने, बर्बर हत्याएं, संपत्तियों की लूट, महिलाओं के अपहरण और छेड़छाड़ तथा जबरन धर्मांतरण की कई घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
एबीपीएस ने कहा, 'इन घटनाओं को केवल राजनीतिक बताकर इनके धार्मिक पहलू को नकारना सत्य को नकारना है, क्योंकि ऐसी घटनाओं के पीड़ित बड़ी संख्या में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से ही आते हैं।'
प्रस्ताव में कहा गया कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्त्वों के हाथों हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों पर अत्याचार कोई नई बात नहीं है।
एबीपीएस ने कहा, 'बांग्लादेश में हिंदू आबादी में लगातार गिरावट (वर्ष 1951 में 22 प्रतिशत से आज 7.95 प्रतिशत तक) उनके लिए अस्तित्व के संकट को दर्शाती है।'
About The Author
Related Posts
Latest News
