नकदी बरामदगी मामला: न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया

न्यायमूर्ति वर्मा ने आरोपों की कड़ी निंदा की है

नकदी बरामदगी मामला: न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया

आवास से 'भारतीय मुद्रा नोटों से भरी चार से पांच अधजली बोरियां' बरामद की गईं!

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को घोषणा की कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा, जिनके आधिकारिक आवास से आग लगने के बाद कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी, से न्यायिक कार्य अगले आदेश तक 'तत्काल प्रभाव' से वापस ले लिया गया है।

Dakshin Bharat at Google News
उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर दिन की वाद सूची से जुड़े एक अन्य नोट में कहा गया है कि न्यायमूर्ति वर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ-III के कोर्ट मास्टर आज से पहले सूचीबद्ध मामलों में तारीखें देंगे।

रजिस्ट्रार (लिस्टिंग) के नाम से न्यायालय की वेबसाइट पर जारी नोट में कहा गया है, 'हाल की घटनाओं के मद्देनजर, माननीय न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से न्यायिक कार्य तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक वापस ले लिया गया है।'

एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने 22 मार्च को न्यायमूर्ति वर्मा के आवास से कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी मिलने के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की जांच रिपोर्ट - फोटो और वीडियो सहित - अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी।

न्यायमूर्ति उपाध्याय की मुख्य न्यायाधीश को सौंपी गई रिपोर्ट में आधिकारिक संचार से संबंधित सामग्री शामिल है, जिसके अनुसार न्यायाधीश के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास से 'भारतीय मुद्रा नोटों से भरी चार से पांच अधजली बोरियां' बरामद की गईं।

न्यायमूर्ति वर्मा ने मुद्रा-खोज विवाद में आरोपों की कड़ी निंदा की है और कहा है कि उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा उनके आवास के स्टोर रूम में कभी भी कोई नकदी नहीं रखी गई।

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को दिए अपने जवाब में न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा है कि उनके आवास से नकदी मिलने का आरोप स्पष्ट रूप से 'उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश' प्रतीत होता है।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download