विवाह से पति को अपनी पत्नी पर स्वामित्व नहीं मिल जाता: इलाहाबाद उच्च न्यायालय

' विश्वास का यह उल्लंघन वैवाहिक रिश्ते की नींव को कमजोर करता है'

विवाह से पति को अपनी पत्नी पर स्वामित्व नहीं मिल जाता: इलाहाबाद उच्च न्यायालय

Photo: PixaBay

प्रयागराज/दक्षिण भारत। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फेसबुक पर अपना और अपनी पत्नी का अंतरंग वीडियो अपलोड करने के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला रद्द करने से इनकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि विवाह पति को अपनी पत्नी पर स्वामित्व या नियंत्रण नहीं देता है, न ही यह उसकी स्वायत्तता या निजता के अधिकार को कमजोर करता है।

Dakshin Bharat at Google News
आरोपपत्र को रद्द करने के लिए दायर आवेदन को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने कहा, 'फेसबुक पर एक अंतरंग वीडियो अपलोड करके, आवेदक (पति) ने वैवाहिक संबंधों की पवित्रता को गंभीर रूप से भंग किया है। एक पति से अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी पत्नी द्वारा उस पर जताए गए विश्वास, आस्था और भरोसे का सम्मान करे, विशेष रूप से उनके अंतरंग संबंधों के संदर्भ में।'

अदालत ने कहा, 'ऐसी सामग्री को साझा करना पति-पत्नी के बीच के बंधन को परिभाषित करने वाली अंतर्निहित गोपनीयता का उल्लंघन है। विश्वास का यह उल्लंघन वैवाहिक रिश्ते की नींव को कमजोर करता है और वैवाहिक बंधन द्वारा संरक्षित नहीं है।'

न्यायालय ने कहा, 'पत्नी अपने पति का विस्तार नहीं है, बल्कि उसके अपने अधिकार, इच्छाएं और क्षमताएं हैं। उसकी शारीरिक स्वायत्तता और गोपनीयता का सम्मान करना न केवल एक कानूनी दायित्व है, बल्कि वास्तव में समान संबंध को बढ़ावा देने के लिए एक नैतिक अनिवार्यता भी है।'

मिर्जापुर जिले में आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत एक व्यक्ति के खिलाफ उसकी पत्नी ने मामला दर्ज कराया था। आरोप है कि व्यक्ति ने उसकी जानकारी और सहमति के बिना अपने मोबाइल से उनके बीच हुए अंतरंग कृत्य का अश्लील वीडियो बनाया, जिसे पहले फेसबुक पर अपलोड किया और उसके बाद अपनी पत्नी के चचेरे भाई और अन्य ग्रामीणों के साथ साझा किया।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download