जनता से परास्त कुछ लोग संवेदनशील मुददों पर सियासत कर रहे हैं : नकवी
जनता से परास्त कुछ लोग संवेदनशील मुददों पर सियासत कर रहे हैं : नकवी
नई दिल्ली। राजग सरकार के तीन वर्ष के कामकाज को इकबाल, इंसाफ और इरादों का तीन वर्ष करार देते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सहारनपुर संषर्घ से जु़डे घटनाक्रम को दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि जनता से परास्त कुछ लोग ऐसे संवेदनशील मुद्दों को भी सियासत की रोटी सेंकने का माध्यम बना रहे हैं। नकवी ने एक साक्षात्कार में कहा, ऐसी घटनाएं दुखद एवं दूर्भाग्यपूर्ण हैं और किसी प्रकार की हिंसा को उचित नहीं ठहराया जा सकता। ऐसे मामले में आग में घी डालने की बजाए, पानी डालने का काम करना चाहिए। सहारनपुर संघर्ष से जु़डे घटनाक्रम के बारे में एक सवाल के जवाब में नकवी ने कहा कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया है, इसके लिए जिम्म्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ऐसे संवेदनशील मुद्दों से हम सब को मिलकर निपटने की जरूरत है। लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि जनता से परास्त कुछ लोग ऐसे संवेदनशील मुद्दों को भी सियासत की रोटी सेंकने का माध्यम बना लेते हैं। कश्मीर की स्थिति के बारे में एक सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में चल रही आतंकवाद की फैक्टरी का प्रदूषण पूरी दुनिया को डंस रहा है और यह सम्पूर्ण विश्व में अमन के लिए खतरा बन गया है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में अमन और इंसानियत की ताकतों को एकजुट होकर ऐसी शैतानी ताकतों और आतंकी साजिशों को नाकाम करना होगा।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की एकता की संस्कृति और सौहार्द का संस्कार ऐसी शक्ति है जो ऐसी किसी ताकत को कामयाब नहीं होने देगा जो देश में सद्भाव और अमन के ताने बाने को नुकसान पहुंचाना चाहती हैं। नकवी ने कहा कि इसी का उदाहरण है कि तमाम कोशिशों के बावजूद ऐसी नापाक ताकतें भारत में सफल नहीं हो पा रही हैं। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि भारत और दुनिया के सामने आज हिंसा, आतंकवाद और कट्टरपंथ एक ब़डी चुनौती बना हुआ है। इन्हें परास्त करने के लिए हमें एक बार फिर से भारत के सदियों पुराने संस्कार और संस्कृति के ताने बाने का संदेश दुनिया के सभी कोनों में पहुंचाना होगा।