भारत एक ऐसा भाव है जहां राष्ट्र ‘स्व’ से ऊपर होता है, सर्वोपरि होता है: मोदी
गोवा एक ऐसे समय में पुर्तगाल के अधीन गया था जब देश के दूसरे बड़े भूभाग में मुगलों की सल्तनत थी
पणजी/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गोवा मुक्ति दिवस के अवसर पर समारोह को संबोधित किया। उन्होंने पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन विजय' के स्वतंत्रता सेनानियों और पूर्व सैनिकों को सम्मानित भी किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गोवा की धरती को, गोवा की हवा को, गोवा के समंदर को प्रकृति का अद्भुत वरदान मिला हुआ है। आज आप सभी का गोवा की धरती पर ये जोश, गोवा की हवाओं में मुक्ति के गौरव को और बढ़ा रहा है।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गोवा न केवल अपनी मुक्ति की डायमंड जुबली मना रहा है बल्कि 60 वर्षों की इस यात्रा की स्मृतियां भी हमारे सामने हैं। हमारे सामने आज संघर्ष और बलिदानों की गाथा भी है, लाखों गोवा वासियों के परिश्रम और लगन के वो परिणाम हैं जिनकी वजह से हमने एक लंबी दूरी तय की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गोवा एक ऐसे समय में पुर्तगाल के अधीन गया था जब देश के दूसरे बड़े भूभाग में मुगलों की सल्तनत थी। उसके बाद कितने ही सियासी तूफान इस देश ने देखे, सत्ताओं की कितनी उठक-पटक हुई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समय और सत्ताओं की उठा-पटक के बीच सदियों की दूरियों के बाद भी न गोवा अपनी भारतीयता को भूला, न भारत अपने गोवा को भूला। यह एक ऐसा रिश्ता है जो समय के साथ और सशक्त ही हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गोवा के लोगों ने भी मुक्ति और स्वराज के लिए आंदोलनों को थमने नहीं दिया। उन्होंने भारत के इतिहास में सबसे लम्बे समय तक आज़ादी की लौ को जलाकर रखा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसा भाव है जहां राष्ट्र ‘स्व’ से ऊपर होता है, सर्वोपरि होता है। जहां एक ही मंत्र होता है- राष्ट्र प्रथम। जहां एक ही संकल्प होता है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर सरदार वल्लभभाई पटेल कुछ और साल जीवित रहते, तो गोवा को अपनी आजादी के लिए इतने लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता। गोवा ने हर विचार को शांति के साथ फलने-फूलने दिया है। इसने भारत में सभी धर्मों और संस्कृतियों को समृद्ध होने दिया है।
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