बेटे ने सीए बनकर पिता की अभिलाषा पूरी की, बेटियों को भी बनाया सीए
संकल्प पूरा करने की ठान लें तो कुछ भी आड़े नहीं आता
राजस्थान के जोधपुर जिले की एक तहसील है बिलाड़ा, जो सीरवी समाज की कुलदेवी आईमाताजी के धाम के कारण प्रसिद्ध है
जोधपुर/दक्षिण भारत। अगर प्रेरणा लेनी हो तो एक शब्द भी जीवन की दिशा बदल देता है। इसके लिए जरूरी है दृढ़ इच्छाशक्ति, परिश्रम और लक्ष्य के लिए समर्पण। सीए मनोहर सीरवी इन शब्दों की साक्षात् मिसाल हैं। उनके पिता स्व. नारायण राम सीरवी ने एक बार कहा था कि बिलाड़ा में कोई सीए नहीं है। फिर क्या था! मनोहर ने उसी दिन ठान लिया कि वे सीए बनेंगे। वे कड़ी मेहनत से न केवल खुद सीए बने, बल्कि उनकी दोनों बेटियां भी सीए बन गईं।
मनोहर बताते हैं कि उन्होंने बेटियों को भी दृढ़ इच्छाशक्ति, परिश्रम और लक्ष्य के लिए समर्पण की सीख दी, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने सीए परीक्षा में सफलता प्राप्त की। मूलत: बिलाड़ा के बढेर बास निवासी मनोहर सीरवी ने स्कूली शिक्षा बिलाड़ा के ही सरकारी विद्यालय से प्राप्त की थी। इसके बाद जोधपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम किया।
पिता के शब्द बने प्रेरणास्रोत
एक दिन उनके पिता नारायण राम सीरवी ने कहा कि बिलाड़ा से आज तक किसी ने सीए परीक्षा पास नहीं की। उनका सपना था कि बेटा यह कीर्तिमान हासिल करे। मनोहर ने भी तय कर लिया कि वे बिलाड़ा से पहला सीए बनेंगे और पिता के सपने को पूरा कर दिखाएंगे।
इसके बाद वे तैयारी में जुट गए। उन्होंने कड़ी मेहनत के बल पर साल 1993 में चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षा पास की। यही नहीं, उन्होंने पूरे भारत में 48वां स्थान प्राप्त किया। यह मनोहर और उनके परिवार के अलावा बिलाड़ा के लिए भी गर्व का क्षण था।
हिंदी माध्यम के विद्यार्थी
मनोहर सीरवी ने बताया कि उनके पिताजी अध्यापक थे। वे सीरवी समाज व आईमाता के इतिहासकार भी थे। उनके शब्दों में ऐसी प्रेरणा थी कि उन्होंने उस लक्ष्य के लिए खुद को समर्पित कर दिया जिसके बारे में कभी सोचा नहीं था। चूंकि वे हिंदी माध्यम के विद्यार्थी थे। सरकारी स्कूल में पढ़े थे, जहां आज भी नाममात्र की सुविधाएं होती हैं।
इन सबके बावजूद मनोहर पहले प्रयास में ही सीए की सभी परीक्षाएं पास कर बिलाड़ा का गौरव बने। उसी साल उनका विवाह सरला सीरवी से हुआ। उन्होंने गृहिणी के तौर पर मनोहर का सदैव सहयोग किया। उन्होंने बच्चों को पढ़ाई के लिए उचित वातावरण उपलब्ध कराया।
एक ही परिवार से कीर्तिमान
नारायण राम सीरवी ने अपनी दोनों पोतियों को भी मेहनत और समर्पण भाव से अध्ययन के लिए प्रेरित किया। इसके परिणामस्वरूप निकिता ने 2018 में सीए परीक्षा पास की। पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए उन्होंने भी बिलाड़ा से सीए बनने में एक कीर्तिमान रचा। दरअसल वे इस शहर से पहली महिला सीए हैं। अभी वे लफार्ज ग्रुप, मुंबई में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं।
वहीं, उनकी छोटी बहन मनीता ने भी सीए परीक्षा पास कर ली है। दोनों बहनों ने दिल्ली विवि से बीकॉम डिग्री ली है। मनोहर बताते हैं कि दोनों बेटियों की 2019 में शादी हो गई। छोटी बेटी को शादी के बाद ससुराल पक्ष ने पढ़ाई में पूरा सहयोग किया।
कृष्णा भी बनेगा सीए
मनोहर सीरवी 2010 से एचपीसीएल मित्तल एनर्जी लिमिटेड (बठिंडा रिफाइनरी) के हेड ऑफिस नोएडा में कार्यरत हैं। वे रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी सेवा दे चुके हैं। उनका बेटा कृष्णा सीरवी 12वीं कक्षा का विद्यार्थी है। वह भी सीए बनना चाहता है।
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