भोपाल: दुष्कर्म मामले में प्यारे मियां को आखिरी सांस तक उम्रकैद, कुकृत्य में भागीदारों को भी कठोर दंड
प्यारे मियां के मामले को लेकर जुलाई 2020 में हड़कंप मच गया था
भोपाल/दक्षिण भारत। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बहुचर्चित दुष्कर्म मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया है। जिला अदालत की अपर सत्र न्यायाधीश कविता वर्मा ने दोषी करार दिए गए प्यारे मियां के लिए उम्रकैद का ऐलान किया है। उसे आखिरी सांस तक जेल में रहना होगा।
प्यारे मियां के कुकृत्यों में साथ देने वाले मैनेजर, डॉक्टर और सहयोगी लड़की को भी दोषी करार देते हुए सख्त सजा सुनाई गई है। प्यारे मियां की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हो रहीं। नाबालिगों से दुष्कर्म के आरोप सिद्ध होने के साथ ही चार अन्य मामलों में उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मामले में एक बच्ची की मौत हो चुकी है।क्या है मामला?
सरकारी वकील पीएन सिंह द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, प्यारे मियां पर चार से ज्यादा नाबालिगों ने दुष्कर्म जैसे कृत्यों के गंभीर आरोप लगाए गए थे। न्यायालय ने प्यारे मियां के मैनेजर ओवैस के अपराध के प्रति सख्त रुख अपनाते हुए उसे उम्रकैद सुनाई है।
इसके अलावा उसकी महिला सहयोगी स्वीटी को 20 साल जेल में रहना होगा। वहीं, डॉक्टर हेमंत मित्तल को पांच साल की सजा सुनाई गई है। उस पर बच्चियों ने गर्भपात कराने के आरोप लगाए थे।
इन धाराओं के तहत दोषी
यह मामला बहुत चर्चा में रहा था। इसके बाद आरोपियों को कानून के कठघरे में पेश किया गया। न्यायालय ने प्यारे मियां को दुष्कर्म, जान से मारने की धमकी, गर्भपात कराने संबंधी गंभीर धाराओं के अपराधों का दोषी पाया। उसे धारा 376 के तहत दोषी ठहराते हुए उम्रकैद के अलावा एक लाख रु. का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, दुष्कर्म के लिए बंधक बनाकर रखने संबंधी धारा 190 के तहत दोषी ठहराते हुए उम्रकैद और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। उसे धारा 370, पॉक्सो एक्ट धारा 5एल का भी दोषी माना गया है और उम्रकैद सुनाई गई है।
न्यायालय ने प्यारे मियां को कुल चार बार सजा सुनाई है, जिसके बाद उसका मामला सोशल मीडिया पर चर्चा में है। जबलपुर जेल में कैद प्यारे मियां के खिलाफ भोपाल के ही तीन अन्य थानों में मामले दर्ज हैं। एक और मामले का ताल्लुक इंदौर से है। अभी उसका फैसला नहीं हुआ है।
'अब्बा' ने तोड़ा विश्वास
हैरानी की बात यह है कि प्यारे मियां के खिलाफ जिन बच्चियों ने गंभीर आरोप लगाए, वह उनसे स्वयं को 'अब्बा' संबोधित करवाता था। उसके खिलाफ चल रहे मामले दुष्कर्म, धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट से संबंधित हैं।
ऐसे हुआ भंडाफोड़
प्यारे मियां के मामले को लेकर जुलाई 2020 में हड़कंप मच गया था। रातीबढ़ थाने में दर्ज मामले के अनुसार, दो जुलाई की रात को चार लड़कियां नशे की हालत में मिली थीं। उन्होंने प्यारे मियां पर आरोप लगाया कि वह उन्हें लोगों के पास भेजता है।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने शाहपुरा स्थित फ्लैट पर छापा मारा तो बड़ी मात्रा में शराब और आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। प्यारे मियां के खिलाफ ठोस सबूत हाथ लगने के बाद उस पर शिकंजा कसा गया। उसे कश्मीर से पकड़कर राजधानी भोपाल लाया गया।
यह भी सामने आया कि प्यारे मियां दुष्कर्म के अलावा वन्य पशुओं की खाल इकट्ठी करने जैसे कामों में लिप्त है। इससे उसके खिलाफ वन विभाग ने भी मामला दर्ज करा दिया। आखिरकार अपने कुकृत्यों से घिरे प्यारे मियां का भंडाफोड़ हुआ और वह अपने अंजाम तक पहुंच गया।
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