आजाद ने धोखा दिया, राज्यसभा न भेजे जाने के कारण तड़पने लगेः कांग्रेस
कांग्रेस ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’ करार दिया
नई दिल्ली/भाषा। कांग्रेस ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद’ करार देते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि आजाद ने पार्टी को धोखा दिया और उनका रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आजाद पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि ‘जीएनए’ (गुलाम नबी आजाद) का डीएनए ‘मोदी-मय’ हो गया है।उन्होंने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ऐसे समय पर यह कदम उठाया जब कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ रही है तथा त्यागपत्र में कही गई बातें तथ्यपरक नहीं हैं, इसका समय भी ठीक नहीं है।
पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी से ‘निजी खुन्नस’ और राज्यसभा में न भेजे जाने के कारण त्यागपत्र में ‘अनर्गल बातें’ की हैं।
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, ‘गुलाम नबी आजाद और इन जैसे लोगों को समझ लेना चाहिए कि पार्टी के कार्यकर्ता क्या चाहते हैं... यह व्यक्ति पांच पृष्ठों के पत्र में डेढ़ पृष्ठ तक यह लिखते हैं कि वह किन-किन पदों पर रहे और फिर लिखते हैं उन्होंने निस्वार्थ सेवा की।’
उन्होंने दावा किया कि राज्यसभा न भेजे जाने के कारण आजाद तड़पने लगे।
खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘पार्टी को कमजोर करने में इन्हीं लोगों का तो योगदान रहा है। आप लोगों की वजह से पार्टी कमजोर हुई... पार्टी का कार्यकर्ता इस धोखे को जानता है। कार्यकर्ता यह भी जानता है कि जो व्यक्ति इस समय धोखा दे रहा है उसका रिमोट कंट्रोल नरेंद्र मोदी के हाथ में है।’
उन्होंने कहा, ‘आजाद और मोदीजी के प्रेम को हमने खुद देखा है। यह प्रेम संसद में भी दिखा था। उस प्रेम की आज परिणति हुई है... देश का कार्यकर्ता इस व्यक्ति को माफ नहीं करेगा।’
राहुल गांधी के अध्यादेश की प्रति फाड़ने का आजाद द्वारा अपने त्यागपत्र में उल्लेख किए जाने पर खेड़ा ने कहा, ‘आजाद उस वक्त क्यों नहीं बोले? उस वक्त पद था, इसलिए नहीं बोले। मतलब यह है कि आप स्वार्थी हैं। पद है तो नहीं बोलेंगे और जब पद नहीं है तो बोलेंगे।’ गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया तथा नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर ‘धोखा’ करने का आरोप लगाया।
आजाद के इस्तीफे को, पहले से ही समस्याओं का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी पर एक और आघात माना जा रहा है। पूर्व में कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं जिसमें कपिल सिब्बल, अश्विनी कुमार आदि शामिल हैं।