नागालैंड का सियासी संकट

नागालैंड का सियासी संकट

पांच महीने के भीतर नगालैंड एक बार फिर राजनीतिक संकट में फंस गया है। इस संकट की तस्वीर यों तो फौरी है, पर यह हमारी संसदीय प्रणाली में ज़ड जमाती जा रही एक ब़डी बीमारी की ओर भी इशारा करती है। जनप्रतिनिधि अपने स्वार्थों को तरजीह देते हैं और इसकी खातिर पाला बदलने में उन्हें तनिक संकोच नहीं होता। वे जल्दी ही भूल जाते हैं कि जनादेश क्या था और वे लोगों से क्या वादा करके सदन में आए थे। राजनीति का यह सामान्य होता गया चरित्र पूरे देश में नजर आता है, अलबत्ता छोटे राज्यों में पाला बदलने की घटनाएं ज्यादा होती हैं, क्योंकि सदन की कुल सदस्य संख्या कम होने के कारण सत्ता के लिए जो़ड-तो़ड कहीं ज्यादा आसान होती है। विडंबना यह भी है कि नगालैंड में विपक्ष में कोई नहीं है। नगा पीपुल्स फ्रंट, भाजपा और निर्दलीय, सभी सत्तारू़ढ गठबंधन यानी डीएएन यानी डेमोक्रैटिक अलायंस ऑफ नगालैंड का हिस्सा हैं्। राज्य सरकार के एक बार फिर संकट में पड़ने की वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग के नेतृत्व में एनपीएफ यानी नगा पीपुल्स फ्रंट के अधिकतर विधायकों ने मुख्यमंत्री शुरहोजेली लिजित्सु के खिलाफ विद्रोह कर दिया है। लेजियांग का दावा है कि उन्हें एनपीएफ के चौंतीस विधायकों समेत इकतालीस विधायकों का समर्थन हासिल है, जिनमें निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं। मजे की बात यह है कि एनपीएफ में यह विद्रोह ऐसे वक्त फूटा, जब लिजित्सु विधानसभा का सदस्य बनने के लिए उत्तरी अंगामी-एक विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। यह सीट उनके बेटे ने उनके लिए ही खाली की है। यह भी गौरतलब है कि नगालैंड में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में अब कुछ महीने ही रह गए हैं्। फिर भी, मौजूदा सरकार को हटा कर नई सरकार बनाने के लिए जो़ड-तो़ड जारी है। अपनी ही पार्टी के विधायकों की तरफ से अपनी सरकार के इस्तीफे की मांग उठते ही लिजित्सु ने पलटवार करते हुए चार मंत्रियों और ग्यारह संसदीय सचिवों को बर्खास्त कर दिया। सरकार से हटाए गए लोगों में जेलियांग भी शामिल हैं जो मुख्यमंत्री के वित्तीय सलाहकार थे। पर यह सारी बर्खास्तगी हताशा भरी कार्रवाई ही जान प़डती है; लिजित्सु जानते हैं कि अब अपनी सरकार वे शायद ही बचा पाएं। मई २०१४ से यह चौथी बार हुआ है जब डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नगालैंड की सरकार गतिरोध में फंसी है और नेतृत्व परिवर्तन की नौबत आई है।

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