सुब्रत पॉल डोपिंग मामले में निलंबित, बी नमूने की जांच करवाएंगे

सुब्रत पॉल डोपिंग मामले में निलंबित, बी नमूने की जांच करवाएंगे

नई दिल्ली। मशहूर भारतीय गोलकीपर सुब्रत पॉल को डोप परीक्षण में नाकाम रहने के बाद मंगलवार को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया लेकिन इस फुटबालर ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए बी नमूने का परीक्षण करवाने का फैसला किया है। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ के महासचिव कुशाल दास ने कहा कि अर्जुन पुरस्कार विजेता पॉल पिछले महीने प्रतियोगिता से इतर परीक्षण में नाकाम रहे थे। पॉल पर इसके लिए चार साल का प्रतिबंध लग सकता है। दास ने कहा, हां, सुब्रत पॉल का ए नमूना प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पॉजीटिव पाया गया है। यह प्रतिबंधित पदार्थ टर्बुटेलाइन है। नाडा ने एआईएफएफ को जो पत्र भेजा उसके अनुसार सुब्रत को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया है। टर्बुटेलाइन सांस लेने की तकलीफ में आराम दिलाता है और इसे तब लिया जाता है जबकि सांस लेने में दिक्कत आ रही हो या फिर अस्थमा जैसी कोई बीमारी हो। इसके अलावा खांसी और जुकाम के लिए आम तौर पर दी जाने वाली दवाइयों में भी यह पदार्थ पाया जाता है लेकिन अगर कोई खिला़डी अस्थमा से संबंधित दवाई लेना चाहता है तो इसके लिए उन्हें टीयूई (उपचारात्मक उपयोग के लिए छूट) प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करना होता है। वाडा के अनुसार टर्बुटेलाइन को बीटा-२ एगोनिस्ट्स वर्ग में रखा गया है। इस वर्ग के अंतर्गत रखी गई दवाइयों का किसी भी समय (प्रतियोगिता के दौरान और प्रतियोगिता से इतर) उपयोग नहीं किया जा सकता है। दास से पूछा गया कि क्या पॉल अब भी अपने क्लब डीएसके शिवाजीयन्स की तरफ से ३० अप्रैल को मिनर्वा पंजाब के खिलाफ आईलीग मैच खेल सकते हैं, उन्होंने कहा, वह बी नमूने की जांच और साथ ही अपना अस्थायी निलंबन हटाने के लिए अपील कर सकता है। दास ने कहा कि नाडा ने पॉल के मूत्र का नमूना १८ मार्च को लिया था जब भारतीय टीम मुंबई में राष्ट्रीय शिविर में थी। शिविर के दौरान सभी खिलाि़डयों के नमूने लिए गए थे। उन्होंने कहा, असल में मैं इससे काफी हैरान हूं। बहुत कम फुटबाल खिला़डी डोप परीक्षण में नाकाम रहते हैं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि उनके जैसा खिला़डी डोप परीक्षण में नाकाम रहेगा। वाडा के नियमों के अनुसार राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को डोप परीक्षण के बारे में खिला़डी और महासंघ दोनों को सूचित करना होता है। खिला़डी के पास बी नमूने के परीक्षण का आग्रह करने का अधिकार होता है। बी नमूने का परीक्षण लंबित होने तक वह अस्थायी तौर पर निलंबित रहेंगे। वाडा के नए नियमों के अनुसार पहली बार डोपिंग में पक़डे जाने वाले खिला़डी को अधिकतम चार साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा।

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