नडाल को पस्त कर दूसरी बार शंघाई मास्टर बने फेडरर
नडाल को पस्त कर दूसरी बार शंघाई मास्टर बने फेडरर
शंघाई। दूसरी वरीयता प्राप्त स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर ने निर्मम प्रदर्शन करते हुए विश्व के नंबर एक खिला़डी स्पेन के राफेल नडाल को रविवार को ६-४, ६-३ से पस्त कर दूसरी बार शंघाई मास्टर्स टेनिस टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया।१९ ग्रैंड स्लेम खिताबों के बादशाह फेडरर ने एक घंटे ११ मिनट में ही नडाल को धूल चटा दी। फेडरर ने इस तरह शंघाई मास्टर का खिताब दूसरी बार जीता और एटीपी वर्ल्ड टूर मास्टर्स १००० पर २७वीं जीत हासिल की। फेडरर ने इस जीत के साथ दूसरी बार शंघाई मास्टर्स का फाइनल खेल रहे नडाल का पहली बार यह खिताब जीतने का सपना भी तो़ड दिया। फेडरर ने इस जीत के साथ हार्ड कोर्ट पर अपनी ७००वीं जीत दर्ज की और इस साल टॉप-१० खिलाि़डयों के खिलाफ अपना रिकार्ड १०-१ पहुंचा दिया। फेडरर का यह ९४वां खिताब था और ओपन युग में वह दूसरे नंबर पर मौजूद इवान लेंडल की बराबरी पर आ गए हैं। उनसे आगे सिर्फ जिमी कोनर्स हैं जिनके १०९ खिताब हैं।फेडरर ने इससे पहले २०१४ में यहां खिताब जीता था। दोनों के बीच यह ३८ वां करियर मु़काबला था और फेडरर ने इस जीत के साथ नडाल के खिलाफ अपना करियर रिकार्ड १५-२३ कर दिया है। फेडरर ने २०१७ में नडाल के खिलाफ अपना शत प्रतिशत रिकार्ड बरकरार रखा है। फेडरर इस साल नडाल को ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल, इंडियन वेल्स के राउंड १६, मियामी मास्टर्स के फाइनल और शंघाई मास्टर्स के फाइनल में हरा चुके हैं। वर्ष २००९ में यहां उपविजेता रहे नडाल को आठ साल बाद एक बार फिर शंघाई में उपविजेता रहकर संतोष करना प़डा। स्विस मास्टर ने इस जीत से शीर्ष वरीय स्पेनिश खिला़डी के लगातार १६ मैच जीतने के अभियान को थाम लिया। ३१ वर्षीय नडाल के लिए १११ की नेल्सन संख्या भारी प़ड गई। नडाल का यह १११ वां फाइनल था और क्रिकेट का यह दुर्भाग्यशाली आंक़डा उनपर भारी प़ड गया और उन्हें फाइनल में शिकस्त झेलनी प़डी।