'द सौक़' में छाई रौनक, साड़ियों और हस्तशिल्प उत्पादों के प्रति खास आकर्षण
इसका आयोजन 26 फरवरी तक किया जाएगा
इसका समय सुबह 10.30 बजे से रात 8.30 बजे तक है
चेन्नई/दक्षिण भारत। यहां सीईआरसी प्रदर्शनी मैदान स्थित कलाक्षेत्र फाउंडेशन में जारी कला और हस्तशिल्प प्रदर्शनी 'द सौक़' में रौनक छाई हुई है। आयोजकों ने बताया कि इसका आयोजन 26 फरवरी तक किया जाएगा।
इसका समय सुबह 10.30 बजे से रात 8.30 बजे तक है, जिसमें पूरे भारत के कारीगरों और शिल्पकारों से सीधे एथनिक और समकालीन कला और शिल्प, कपड़े, हथकरघा साड़ियों, आभूषण, घर की सजावट का सामान, फर्नीचर और हस्तशिल्प उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है।यहां राजस्थान के हस्तशिल्प और हथकरघा की विविधता के साथ उड़ीसा साड़ियां, घाघरा-चोली बेडशीट, सहारनपुर फर्नीचर, लकड़ी के खिलौने, बंजारा बैग, उत्तर प्रदेश से ब्लू पेविंग, कुर्जा पेविंग, शरणपुर लकड़ी की नक्काशी, संगमरमर, कलाकृतियां, राजस्थान आभूषण, रत्न और सोना प्लेटिंग, लखनऊ सीकन नक्काशी, राजस्थान और उत्तर प्रदेश बेड रग्स, कलमकारी साड़ी और कपड़े, कान की बाली और कुर्ता, बंगाली शुद्ध सूती कपड़े और साड़ी, मलमल, चंदेरी, पश्चिम बंगाल, मदुरै सुंगुडी, महिलाओं के टॉप, बच्चों के कपड़े और बहुत कुछ उपलब्ध है, जिनके प्रति ग्राहकों का खूब आकर्षण है।
प्रदर्शनी समकालीन जीवन शैली उत्पादों को बनाने के लिए पारंपरिक हथकरघा कौशल के उपयोग के बारे में है। ढाका के बिस्वजीत साहा ने प्रसिद्ध ढाकाई मलमल जमदानी साड़ी प्रस्तुत की है। जूट-मलमल की साड़ियां अपनी नाजुक धारियों के साथ क्लासिक स्टेटमेंट पेश करती हैं। पल्लू को जूट और सोने की कैरी से सजाया गया है। प्रदर्शनी में उपहार उत्पादों की भरमार है।
इसके अलावा लखनऊ चिकनकारी, मणिपुरी मिट्टी के बर्तन, जोधपुरी जूतियां, कलमकारी प्रिंट, वॉल हैंगिंग, घरेलू सजावटी आइटम, विशेष रूप से त्योहारों और शादी के आगामी सीजन के लिए प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
आयोजकों ने बताया कि 100 से अधिक स्टालों के साथ 'सौक़' अपने ग्राहकों को खरीदारी का संपूर्ण अनुभव दे रही है। यहां वे कारीगरों से सीधे बातचीत कर रहे हैं और हर उत्पाद के पीछे की कहानी भी जान रहे हैं। इसके अलावा लाइव संगीत प्रदर्शन, कार्यशालाएं और कई मज़ेदार गतिविधियां भी हो रही हैं।