चर्चा होनी चाहिए

उन महिलाओं के साहस को सलाम, जिन्होंने हिम्मत जुटाई

चर्चा होनी चाहिए

अगर वे खामोश रहतीं तो यह शख्स न जाने कितनी और महिलाओं को परेशान करता

तमिलनाडु में कन्याकुमारी जिले के नागरकोइल की एक अदालत ने कई महिलाओं से दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न, धोखाधड़ी और रंगदारी वसूलने के मामले में दोषी युवक को उम्रकैद (मृत्यु तक) की सजा सुनाकर नजीर पेश की है। इस फैसले पर चर्चा होनी चाहिए, ताकि समाज में जागरूकता आए। युवक टी कासी उर्फ सूजी के खिलाफ अप्रैल 2020 से आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत अलग-अलग थानों में मामले दर्ज हुए थे। 

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उन महिलाओं के साहस को सलाम, जिन्होंने हिम्मत जुटाई। अगर वे खामोश रहतीं तो यह शख्स न जाने कितनी और महिलाओं को परेशान करता। जांच में पाया गया कि कासी ने धमकी देकर कई महिलाओं से लाखों रुपए की उगाही की थी। ऐसे लोगों की मानसिकता और कृत्यों से सबका परिचित होना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि इन दिनों देश में कई अपराधी इसी प्रकार के हथकंडे अपनाकर लूट-खसोट में लिप्त हैं। जो लोग उनसे पीड़ित हैं, उन्हें पुलिस के पास जाना चाहिए और अपराधियों के खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए। 

कासी के मामले में चौंकाने वाला पहलू यह है कि 26 वर्षीय बेरोजगार युवक सोशल मीडिया पर खुद को सफल कारोबारी के तौर पर पेश करता था। वह एडिट की हुईं तस्वीरों से महिलाओं को झांसा देता, उनसे दोस्ती करता। फिर बातों में फंसाता और अनैतिक कर्म कर ब्लैकमेल करता। इस घटना से यह भी सबक मिलता है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं आकर्षक तस्वीरों व वीडियो पर आंखें मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए। हो सकता है कि यह एक जाल हो! 

कासी ने कई महिलाओं से धन ऐंठा, जिससे उसका दुस्साहस बढ़ गया था। उसे यह लगता था कि वह कानून की पकड़ में नहीं आ सकता। आखिरकार एक महिला ने अप्रैल 2020 में शिकायत दर्ज कराई तो कासी के कुकृत्यों का पर्दाफाश हो गया।

जब इस शख्स के लैपटॉप, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, कैमरा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर खंगाला गया तो जांच अधिकारी भी हैरान रह गए। पता चला कि कासी ने किशोरावस्था से लेकर बड़ी उम्र तक की महिलाओं से अनैतिक कर्म किया था। उसने इस काम के लिए सोशल मीडिया का खूब दुरुपयोग किया। यहीं वह अपना जाल फेंकता था, जिस पर महिलाएं विश्वास कर लेती थीं। एक बार जब वह अश्लील तस्वीरें और वीडियो बना लेता तो उन्हें वायरल करने की धमकी देकर लाखों रुपए ऐंठ लेता था। 

कासी को उसके अंजाम तक पहुंचाने के लिए पुलिस की भूमिका सराहनीय रही, जिसने उन महिलाओं को शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रोत्साहित किया, जो कासी के कुकृत्यों से पीड़ित थीं। पुलिस ने उन्हें गोपनीयता का भरोसा दिलाया था। उसके बाद तो कई महिलाएं आगे आईं। फिर मामले को जांच के लिए सीबी-सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया। जांचकर्ताओं ने जो पाया, वह हैरान करने वाला है। 

कासी ने जिन महिलाओं का शोषण किया, उनकी संख्या 120 से ज्यादा बताई गई है। वहीं, 1,900 से ज्यादा आपत्तिजनक तस्वीरें मिली हैं। करीब 400 वीडियो भी मिले हैं। कासी के निशाने पर वे महिलाएं होतीं, जो उच्च शिक्षित और समृद्ध परिवारों से थीं। वह उन्हें आकर्षित करने के लिए अपनी एडिट की हुईं तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करता और चैटिंग के दौरान यह दिखाने की कोशिश करता कि वह बहुत मिलनसार, विनम्र, ख्याल रखने वाला और दयालु है। 

वह उनके मोबाइल नंबर लेने के बाद वीडियो कॉल करता और घनिष्ठता बढ़ने के साथ आपत्तिजनक तस्वीरें व वीडियो बना लेता। फिर चिकित्सा कारणों या दूसरी वजह का बहाना बनाकर महिलाओं से रुपए मांगता। जो रुपए भेजने से मना करती, उसे ब्लैकमेल करता। इससे डरकर कई महिलाओं ने उसे रुपए भेज दिए थे। 

कासी समेत इस तरह के अन्य अपराधियों को यह ग़लतफ़हमी होती है कि वे 'पाप की कमाई' से हमेशा मालामाल होते रहेंगे। अगर उनके खिलाफ इस तरह कार्रवाई हो तो कड़ा संदेश जाएगा। जो भी अपराधी ऐसे कृत्यों में लिप्त हैं, उन्हें इसी तरह सख्त सजा मिलनी चाहिए।

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