पुतिन: अभी चुनौती बरकरार

जून में प्रिगोझिन अपनी बगावत के कारण चर्चा में आए थे

पुतिन: अभी चुनौती बरकरार

प्रिगोझिन का अंत भी नाटकीय घटनाक्रम में हुआ

आखिरकार रूस ने निजी सैन्य संगठन ‘वैग्नर’ के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की मौत की पुष्टि कर ही दी। जब रूसी सरकार के आधिकारिक टीवी चैनल की वेबसाइट (आरटी) पर यह ख़बर प्रकाशित हुई तो इस पर किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। 

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इसी साल जून में प्रिगोझिन अपनी बगावत के कारण चर्चा में आए थे। इससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन घर में ही घिर गए थे। उनका  'यूक्रेन विजय अभियान' खटाई में पड़ता नजर आने लगा था, लेकिन यह भी चर्चा थी कि अगर प्रिगोझिन को 'क्षमादान' मिल गया तो इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि उन्हें 'अभयदान' मिल गया है। 

पुतिन का रिकॉर्ड यही रहा है कि वे अपने मित्रों के प्रति जितने उदार हैं, प्रतिद्वंद्वियों/शत्रुओं के प्रति उससे कहीं ज्यादा निर्मम हैं। प्रिगोझिन का अंत भी नाटकीय घटनाक्रम में हुआ। वे विमान दुर्घटना के 'शिकार' हुए। हालांकि ऐसे भी कयास लगाए जाते रहे कि संभवत: प्रिगोझिन जिंदा हैं, लेकिन रूस की जांच समिति ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी है। 

इस समिति की मुख्य प्रवक्ता स्वेतलाना पेट्रेंको ने एक बयान में स्पष्ट कर दिया कि रूसी जांचकर्ताओं ने एम्ब्रेयर 135बीजे लिगेसी 600 विमान में सवार लोगों के शवों का डीएनए परीक्षण पूरा कर लिया है। विमान बुधवार को मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग के लिए उड़ान भरते समय टावर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। सभी 10 मृतकों की पहचान कर ली गई और वे उड़ान सूची के 'अनुसार' ही हैं। 

यह दस्तावेज़ पहले ही रूस की संघीय वायु परिवहन एजेंसी द्वारा साझा किया जा चुका है और इसमें प्रिगोझिन और कई अन्य उच्च-रैंकिंग वाले वैग्नर संचालक शामिल थे। इनमें दिमित्री उत्किन, जिन्हें पीएमसी का सह-संस्थापक कहा जाता है, और वालेरी चेकालोव शामिल थे, जिन्हें अमेरिका ने समूह का उपप्रमुख माना था।

वैग्नर के शीर्ष नेताओं की मौत की बाद अब इस संगठन के नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं। खासतौर से इसके लड़ाकों के सामने अनिश्चितता की स्थिति है। वैग्नर के पास काफी धन भी है। माना जा रहा है कि अगर संगठन के भीतर बगावत छिड़ती है तो धन पर कब्जे को लेकर टकराव बढ़ सकता है। 

हालांकि पुतिन इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। वे चाहेंगे कि यह संगठन उनका वफादार बनकर रहे और यूक्रेन युद्ध में उसका सहयोग मिले। उक्त हादसे में फ्लाइट क्रू - दो पायलट और एक एयर-होस्टेस - को भी मृत घोषित कर दिया गया है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो हादसे के बाद ऐसा कोई व्यक्ति नहीं बचा, जो दुनिया को समूचे घटनाक्रम का आंखोंदेखा हाल बता सके। 

आज अंतरराष्ट्रीय मीडिया प्रिगोझिन की मौत के बारे में जो ख़बरें प्रकाशित कर रहा है, उसमें रूसी सरकार के बयान का प्रमुखता से हवाला दे रहा है। कभी पुतिन के बेहद भरोसेमंद रहे प्रिगोझिन के तेवर इस साल जून के आखिर में काफी तीखे हो गए थे। वे बार-बार रूसी रक्षा मंत्रालय की आलोचना करने लगे थे। उन्होंने अपने लोगों के एक फील्ड कैंप पर गोलाबारी करने का आरोप लगाया और मॉस्को की ओर 'न्याय मार्च' की घोषणा कर दी थी। 

हालांकि, प्रिगोझिन का विद्रोह अल्पकालिक निकला और बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता वाले समझौते के साथ समाप्त हो गया था। पिछले हफ्ते ही प्रिगोझिन ने एक वीडियो जारी किया था, जिसे जाहिर तौर पर अफ्रीका में फिल्माया गया था। उस समय उन्होंने कहा था कि वैग्नर समूह ने भर्ती फिर से शुरू कर दी है और आईएसआईएस, अल-कायदा और अन्य 'डाकुओं' के खिलाफ टोही और खोज गतिविधियों का संचालन कर रहा है। 

गुरुवार को प्रिगोझिन विमान दुर्घटना पर टिप्पणी करते हुए पुतिन ने उन्हें 'जटिल नियति' का एक 'प्रतिभाशाली' व्यक्ति बताया, जिसने यूक्रेन में 'नव-नाज़ियों' के खिलाफ लड़ाई में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। अब पुतिन के सामने प्रिगोझिन की चुनौती नहीं रही, लेकिन यूक्रेन युद्ध की चुनौती बरकरार है। इसमें निर्णायक विजय के अभी तो आसार नजर नहीं आ रहे हैं। 

अगर दोनों देश इसे परस्पर शांतिवार्ता के साथ समाप्त करने को सहमत हो जाएं तो इसमें उनका कल्याण है। अन्यथा युद्ध लंबा खिंच सकता है, जिसमें दोनों तरफ काफी नुकसान होना तय है।

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