कावेरी जल विवाद: बेंगलूरु, खासकर तमिल बहुल इलाकों में बढ़ाई गई सुरक्षा
विरोध प्रदर्शन चित्रदुर्ग, बल्लारी, दावणगेरे, कोप्पल और विजयपुरा सहित अन्य जिलों में भी फैल गया है
अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि तमिलनाडु में पंजीकृत किसी भी वाहन पर पथराव की कोई घटना न हो
बेंगलूरु/भाषा। बेंगलूरु समेत कर्नाटक के कई हिस्सों में कावेरी जल विवाद को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच शहर पुलिस ने राजधानी में, खासकर तमिल बहुल इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी है।
कावेरी जल विनियमन समिति के आदेश में हस्तक्षेप न करने के उच्चतम न्यायालय के कल के फैसले के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू होने के मद्देनजर एहतियातन ये कदम उठाए गए हैं। समिति के आदेश के अनुसार कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए प्रतिदिन 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ना होगा।बेंगलूरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने अपने अधीनस्थों के साथ बैठकें कीं और शहर के सभी पुलिस उपायुक्तों को सतर्क रहने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में खासकर तमिल बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय किए गए हैं और कावेरी मुद्दे पर शीर्ष अदालत के फैसले के तुरंत बाद बेंगलूरु और कर्नाटक के अन्य हिस्सों में कई संगठन अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सड़कों पर उतर आए।
शुक्रवार को भी केआर पुरम जैसे शहर के कुछ इलाकों में विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। आने वाले दिनों में भी विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए पुलिस प्रमुख ने सभी पुलिस उपायुक्तों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है ।
कावेरी नदी जल विवाद के कारण आने वाले दिनों में संभावित विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बारे में खुफिया रिपोर्टों के आधार पर अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में सुरक्षा उपाय कड़े करने के लिए कहा गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसान संगठन और कन्नड़ समर्थक समूह विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, जिससे यातायात बाधित हो सकता है और बड़े पैमाने पर जनता को असुविधा हो सकती है।
उन्होंने कहा, अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि तमिलनाडु में पंजीकृत किसी भी बस या निजी वाहन पर पथराव की कोई घटना न हो।
किसान संगठनों और कन्नड़ समर्थक संगठनों ने मैसूरु, मांड्या, चामराजनगर और रामानगर जैसे कावेरी नदी बेसिन जिलों में विरोध प्रदर्शन किया और अपना गुस्सा व्यक्त किया और राज्य सरकार से पड़ोसी राज्य के लिए पानी नहीं छोड़ने का आग्रह किया।
विरोध प्रदर्शन चित्रदुर्ग, बल्लारी, दावणगेरे, कोप्पल और विजयपुरा सहित अन्य जिलों में भी फैल गया है।