द्रमुक के दबाव के कारण कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़ा: राजीव चंद्रशेखर
मंत्री ने कहा- किसानों से सलाह नहीं ली और द्रमुक के दबाव में पानी छोड़ दिया
भाजपा नेता ने कहा, 'कर्नाटक में भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम अपने किसानों और नागरिकों के अधिकारों पर दृढ़ रहेंगे'
पुणे/दक्षिण भारत। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को दावा किया कि कर्नाटक सरकार ने द्रमुक और 'इंडिया' गठबंधन के दबाव के आगे झुककर तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़ा था।
उन्होंने आरोप लगाया कि सिद्दरामैया सरकार ने पानी छोड़ा, क्योंकि कांग्रेस को पता था कि वह तमिलनाडु में एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक के बिना नहीं रह सकती।यहां पत्रकारों से बात करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भाजपा उस राजनीतिक दबाव को कर्नाटक के लोगों पर प्रभावी नहीं होने देगी, जिसके आगे 'कांग्रेस झुक गई है' और एक मजबूत लड़ाई लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि सिद्दरामैया और डीके शिवकुमार की सरकार ने किसी भी पार्टी से परामर्श किए बिना (कावेरी का) पानी छोड़ दिया। उनकी सरकार ने इस मुद्दे पर कोई सर्वदलीय परामर्श नहीं किया।
मंत्री ने कहा, 'उन्होंने किसानों से सलाह नहीं ली और द्रमुक के दबाव में पानी छोड़ दिया, क्योंकि कांग्रेस तमिलनाडु में द्रमुक के बिना जीवित नहीं रह सकती। कांग्रेस सरकार ने द्रमुक और इंडिया-यूपीए गठबंधन के दबाव के आगे घुटने टेक दिए हैं।'
कौशल विकास और उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री रोजगार मेला कार्यक्रम के मौके पर पत्रकारों से बात कर रहे थे, जहां 193 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए।
भाजपा नेता ने कहा, 'कर्नाटक में भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम अपने किसानों और नागरिकों के अधिकारों पर दृढ़ रहेंगे। हम किसी भी गठबंधन या अवसरवादी राजनीति को कर्नाटक के लोगों के हित के रास्ते में नहीं आने देंगे।'
बता दें कि कावेरी का पानी छोड़े जाने के विरोध में मंगलवार को बेंगलूरु में विभिन्न संगठनों ने बंद रखा।
अन्नाद्रमुक द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नाता तोड़ने के बारे में पूछे जाने पर राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भाजपा नेतृत्व तय करेगा कि क्या करना है।
उन्होंने कहा, 'लेकिन हर कोई अपने जीवन पर नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व और पिछले नौ वर्षों में किए गए कार्यों के प्रभाव का अनुभव कर रहा है। किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि गठबंधन में कुछ कमी आने से इस पर (काम पर) किसी तरह का असर पड़ेगा।'
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि देश की जनता को लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी को उनके लिए अपना काम करते रहना चाहिए।