केरल: आईयूएमएल की फलस्तीन एकजुटता रैली में शशि थरूर के भाषण को लेकर विवाद
उन्होंने इस रैली में इजराइल पर सात अक्टूबर को हुए हमले को आतंकवादी कृत्य बताया था
फोटो: facebook.com/ShashiTharoor
तिरुवनंतपुरम/भाषा। केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) के प्रमुख घटक दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) द्वारा आयोजित फलस्तीन एकजुटता रैली में कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य शशि थरूर के भाषण को लेकर विवाद पैदा हो गया है।
उन्होंने इस रैली में इजराइल पर सात अक्टूबर को हुए हमले को आतंकवादी कृत्य बताया था।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता और पूर्व विधायक एम स्वराज ने आरोप लगाया कि थरूर की कुछ टिप्पणियां इजराइल समर्थक थीं और कांग्रेस सांसद यह स्वीकार नहीं कर पाए कि वह एक ‘आतंकवादी’ राष्ट्र है।
तिरुवनंतपुरम के सांसद पर निशाना साधते हुए स्वराज ने कहा कि उन्होंने आईयूएमएल के खर्चे पर इजराइल एकजुटता बैठक की।
हमास समर्थक समूहों और वामपंथी कार्यकर्ताओं के एक समूह द्वारा सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना के बाद थरूर ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वे हमेशा फलस्तीन के लोगों के साथ रहे हैं और आईयूएमएल की रैली में उनके भाषण के केवल एक वाक्य के प्रचार-प्रचार से सहमत नहीं हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) द्वारा जारी एक लघु वीडियो में थरूर ने कहा, ‘मैं हमेशा फलस्तीन के लोगों के साथ रहा हूं।’
इससे पहले, फेसबुक पर एक पोस्ट में माकपा नेता स्वराज ने थरूर पर तंज कसते हुए कहा कि थरूर को पूरा यकीन है कि फलस्तीन की तरफ से जो हुआ वह एक ‘आतंकवादी हमला’ था, भले ही उस देश का 90 फीसद हिस्सा इजराइल के कब्जे में चला गया।
वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) विधायक केटी जलील ने भी थरूर की आलोचना की और कहा कि उनके भाषण से ऐसा लगता है कि यह इजराइल समर्थक रैली थी।
बहरहाल, आईयूएमएल नेता पीके कुन्हालीकुट्टी ने इस रैली को लेकर कथित तौर पर विवाद पैदा करने की कोशिश करने वाले समूहों की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि लीग द्वारा आयोजित की गई विशाल रैली से फलस्तीन के समर्थन में जनमत बनाने में मदद मिली और थरूर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे फलस्तीनी लोगों के साथ हैं।
आईयूएमएल ने बृहस्पतिवार को यहां विशाल रैली आयोजित कर गाजा पट्टी में इजराइली हमलों में महिलाओं और बच्चों समेत आम लोगों की कथित अंधाधुंध हत्याओं की निंदा की।
आईयूएमएल के हजारों समर्थकों ने फलस्तीन एकजुटता मानवाधिकार रैली में भाग लिया। पार्टी के नेता पनाक्कड़ सैयद सादिक अली शिहाब थंगल ने इसकी शुरुआत की।
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य शशि थरूर इस रैली में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
थरूर ने सभा को संबोधित करते हुए पिछले 19 दिन में इजराइल-हमास के बीच संघर्ष में निर्दोष लोगों के मारे जाने पर अफसोस जताया।
उन्होंने कहा, यह भारत में और शायद दुनिया भर में मानवाधिकारों की रक्षा और शांति के पक्ष में हुईं सबसे महत्त्वपूर्ण राजनीतिक रैलियों में से एक रैली कही जा सकती है। यह रैली शांति के लिए है।
उन्होंने कहा कि शुरुआत में इजराइल और बाद में गाजा में निर्दोष महिलाओं और बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने इस संघर्ष को समाप्त करने की अनिवार्यता पर जोर दिया।
थरूर ने स्पष्ट शब्दों में फलस्तीनी सशस्त्र समूह हमास द्वारा सात अक्टूबर को इजराइल पर किए गए हमले की भी निंदा की और इसे 'आतंकवादी कृत्य' बताया।
उन्होंने कहा, ‘सात अक्टूबर को आतंकवादियों ने इजराइल पर हमला किया और 1,400 लोगों की जान ले ली। दो सौ लोगों को बंधक बना लिया गया। पलटवार करते हुए इजराइल ने 6,000 लोगों को मार डाला। बमबारी जारी है।’