आरक्षण को लेकर 'भारत बंद' का मिलाजुला असर, प्रशासन सतर्क
देशभर के 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है
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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। आरक्षण को लेकर कुछ समूहों द्वारा आहूत एक दिवसीय 'भारत बंद' का बुधवार को मिलाजुला असर देखने को मिला। कई जगह दुकानें बंद रहीं, सार्वजनिक बसें नहीं चलीं, वहीं सब्जियों की रेहड़ी और छोटी दुकानें खुली रहीं। कई राज्यों में स्कूलों की छुट्टियां रहीं। हालांकि ऑनलाइन कोचिंग सेंटरों के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा।
'भारत बंद' के कारण नेताओं को अपने सार्वजनिक कार्यक्रम भी रद्द करने पड़े। इसी सिलसिले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी बुधवार को अपना पलामू दौरा रद्द कर दिया।एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के 1 अगस्त के फैसले के खिलाफ देशभर के 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। संगठनों ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को नुकसान पहुंचेगा।
वहीं, मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को निर्देश दिया है कि वे एक दिवसीय भारत बंद के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी भारत बंद को समर्थन दिया है।
मंगलवार रात जारी एक परिपत्र में राज्य के गृह विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों और एसपी के अलावा भोपाल और इंदौर के पुलिस आयुक्तों को भारत बंद के दौरान अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।