न्याय में देर होना एक तरह का अन्याय है : राष्ट्रपति

न्याय में देर होना एक तरह का अन्याय है : राष्ट्रपति

इलाहाबाद। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि न्याय मिलने में देर, एक तरह का अन्याय है। न्याय प्रक्रिया में विलंब गरीब के लिए असहनीय बोझ है। इस अन्याय को दूर करने के लिए जितना संभव हो सके, परहेज करना चाहिए। स्थगन तभी हो, जब उसका कोई विकल्प न हो।यहां झलवा में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की अत्याधुनिक टाउनशिप न्याय ग्राम का शिलान्यास करने आए कोविंद ने कहा, ‘सभी को समय से न्याय मिले, न्याय व्यवस्था कम खर्चीली हो, सामान्य नागरिक की भाषा में निर्णय देने की व्यवस्था हो और विशेषकर महिलाओं एवं कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय मिले, यह हम सब की जिम्मेदारी है।’’ देश की मौजूदा प्रणाली में सुधार की जरूरत को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘आज अधिकांश मामलों में यह स्थिति है कि जो गरीब मुवक्किल पैसा खर्च करता है और जिसके लिए पूरी प्रक्रिया सबसे अधिक महत्वपूर्ण है, वही इस प्रक्रिया के बारे में अनभिज्ञ होता है। यदि स्थानीय भाषा में बहस करने का चलन जोर पक़डे तो सामान्य नागरिक अपने मामले की प्रगति को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे।’’ उन्होंने निर्णयों और आदेशों की प्रतिलिपियों का स्थानीय भाषा में अनुवाद कराने की व्यवस्थाा पर जोर देते हुए कहा कि छत्तीसग़ढ उच्च न्यायालय ने अपने निर्णयों और आदेशों का अनुवाद कर उसे हिंदी में उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है और कुछ अन्य उच्च न्यायालय भी इस दिशा में आगे ब़ढ रहे हैं। उन्होंने कहा,‘ एक अधिवक्ता के तौर पर मेरा अनुभव रहा है कि एक वैकल्पिक न्याय व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए तो सामान्य नागरिकों को बहुत लाभ होगा।’’ इस मौके पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या मौजूदा १०८ से ब़ढाकर १६० करने के बारे में मुख्यमंत्री की ओर से प्रस्ताव आने पर वह उसे तत्काल राष्ट्रपति को भेज देंगे। उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के मंजूर पद १६० हैं, जबकि वर्तमान में यहां १०८ न्यायाधीश कार्यरत हैं।कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘आईसीआरएस पोर्टल के माध्यम से आठ महीनों में लगभग २२,८४,०४७ शिकायतें आईं जिनमें से एक समय सीमा के भीतर २०,३२,०४५ शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया।’’ उन्होंने जनहित याचिकाओं को जनहित को लटकाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि कभी कभी प्रक्रिया को आगे ब़ढाने के दौरान जनहित याचिकाएं अवरोध की तरह काम करती हैं।’’ उन्होंने इसे मीडिया में बने रहने के लिए जनहित के मुद्दों को लटकाने की कोशिश करार देते हुए इस दिशा में गंभीरता से विचार करने की जरूरत बताई।शुक्रवार से दो दिवसीय इलाहाबाद यात्रा पर आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार सुबह संगम तट पर पूजा अर्चना की और हनुमान जी के दर्शन किए। इस दौरान उनकी पत्नी सविता कोविंद, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और नगर की महापौर अभिलाषा गुप्ता उनके साथ थे।

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