सड़क सुरक्षा पर भी ध्यान दें बीमा कंपनियां : गडकरी
सड़क सुरक्षा पर भी ध्यान दें बीमा कंपनियां : गडकरी
नई दिल्ली भाषाकेंद्रीय स़डक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बीमा कंपनियों से पाखंड छो़डने और महज भारी भरकम प्रीमियम कमाने पर ध्यान देने की बजाय स़डक सुरक्षा अभियान पर भी ध्यान देने की अपील की।गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, मैं बीमा कंपनियों से नाखुश हूं्। वे भारी – भरकम प्रीमियम तो वसूलती हैं पर स़डक सुरक्षा में कोई योगदान नहीं देती हैं्। वाहन निर्माता कंपनियों को ब़डा मुनाफा होता है।… मैं इस ढोंग को पसंद नहीं करता। ’’’’ मंत्री ने कहा कि बीमा कंपनियां, चाहे वह अमेरिका हो , ब्रिटेन या यूरोप के अन्य देश, स़डक सुरक्षा कार्यक्रमों में काफी योगदान करती हैं पर भारत में उनका रवैया बेदर्दी का है। गडकरी ने कहा कि यदि दुर्घटनाएं कम होंगी तो सबसे फायदे में बीमा कंपनियां रहेंगी इसके बाद भी वे स़डक सुरक्षा में योगदान नहीं देती हैं। यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने इस संबंध में साथ आने के लिए बीमा कंपनियों को कहा भी लेकिन उन्होंने जवाब तक नहीं दिया।एक अधिकारी ने बताया कि कई बार कहे जाने पर सिर्फ जीआईसी मुद्दे को गंभीरता से लेने पर राजी हुई। ग़डकरी ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से सालाना पांच लाख दुर्घटनाओं में डे़ढ लाख मौतों के साथ भारत इस मामले में विश्व में सबसे ऊपर है। हालांकि यहां बीमा कंपनियों और वाहन निर्माताओं कंपनियों के बीच संवेदनशीलता की भारी कमी है।उन्होंने कहा, स़डक दुर्घटनाओं के पीि़डतों में ६९ प्रतिशत युवा होते हैं्। प्रति दिन ३० बच्चे इनमें मरते हैं, लेकिन इससे बीमा कंपनियों पर असर नहीं प़डता है। ’’’’ मंत्री ने लोगों से कहा कि वे सुरक्षा उपायों के बिना चल रहे ट्रकों तथा गलत डिजायन वाले वाहनों की तस्वीर लेकर उसे एमपरिवहन’’ मोबाइल एप पर भेजें ताकि ऐसे वाहनों को स्वीकृत करने वाले आरटीओ के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे आरटीओ के खिलाफ प्रथम सूचना रपट दर्ज की जा सकती है। उन्होंने रेल मंत्रालय से भी अपील किया कि वह ऐसे क्रॉसिंग की पहचान करे जहां दुर्घटना रोकने के लिए लाल – हरी बत्ती लगायी जा सकती है। गडकरी ने कहा कि संसद में मोटर वाहन विधेयक के पारित होते ही परिवहन क्षेत्र में व्यापक सुधार होगा क्योंकि इसमें यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि वही लोग इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं जिनका कुछ निजी स्वार्थ निहित है।