बीएपीएस के बाल कार्यकर्ताओं ने दिया नशामुक्ति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश

बीएपीएस के बाल कार्यकर्ताओं ने दिया नशामुक्ति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश

अभियान से बच्चों में आत्मविश्वास, संचार और नेतृत्व कौशल को बढ़ावा मिला


मुंबई/दक्षिण भारत। विश्व तंबाकू निषेध दिवस और प्रमुख स्वामी महाराज के शताब्दी वर्ष समारोह के अवसर पर बीएपीएस के बच्चों द्वारा नशामुक्ति और पर्यावरण जागरूकता अभियान चलाया गया। संस्था ने बताया कि महंत स्वामी महाराज की प्रेरणा से और प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी समारोह (2022-23) तथा भारत के आज़ादी अमृत महोत्सव (2022) के तत्वावधान में, बीएपीएस के बच्चों ने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, नई दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में नशामुक्ति तथा पर्यावरण जागरूकता को लेकर विशाल अभियान सफलतापूर्वक चलाकर संपन्न किया।

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ग्रीष्म अवकाश के दौरान 8 से 22 मई तक 12 से 14 वर्ष के 16,000 बालक कार्यकर्ता घरों, दुकानों, कारखानों, सरकारी और अन्य कार्यालयों, बस स्टेशनों और सार्वजनिक स्थानों पर गए तथा 14 लाख लोगों से मिले। इस 15 दिवसीय अभियान के दौरान 4 लाख लोगों ने धूम्रपान, तंबाकू, मद्यपान और नशीले पदार्थों जैसे व्यसनों को छोड़ने का संकल्प लिया। जो लोग नशा नहीं करते, बच्चों ने उनसे आग्रह किया कि वे अन्य लोगों को प्रेरित करें।

इसी तरह गुजरात और अन्य राज्यों में 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग की 14,000 बालिकाओं ने पर्यावरण जागरूकता, प्रकृति संवर्धन अभियान में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने 12 लाख लोगों से मुलाकात की तथा पानी बचाने, बिजली बचाने और पौधे लगाने का संदेश पहुंचाया। अभियान के तहत 10 लाख लोगों ने पानी और बिजली बचाने का संकल्प लिया। वहीं, 6 लाख लोगों ने पौधे लगाने की प्रतिज्ञा की।

Photo: BAPS

इस प्रकार, 30,000 बीएपीएस बालक व बालिकाओं ने 26 लाख लोगों से संपर्क किया और उन्हें व्यसनमुक्त जीवन जीने तथा बेहतर वातावरण को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।

31 मई को 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस' के अवसर पर गुजरात और अन्य राज्यों के कई प्रमुख शहरों और गांवों में बीएपीएस के बच्चों द्वारा 100 नशा विरोधी रैलियां निकाली गईं। इनमें प्रेरक झांकियां सजाई गईं। साथ ही नशामुक्ति के नारे लगाए गए। रैलियों में कुल 50,000 बालक-बालिकाओं ने भाग लिया।

अभियान से बच्चों में आत्मविश्वास, संचार और नेतृत्व कौशल को बढ़ावा मिला। इसके अलावा, किसी भी प्रकार का नशा न करने और पर्यावरण संरक्षण के संकल्प को भी मजबूत किया।

उल्लेखनीय है कि प्रमुख स्वामी महाराज गांधीनगर और नई दिल्ली में बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम के निर्माता थे। उन्होंने दुनियाभर में 1,100 से अधिक मंदिरों के उत्थान और जनकल्याण कल्याण के लिए जीवन समर्पित किया था। उन्होंने जीवनकाल में 40 लाख लोगों को नशा छोड़ने और 15 लाख से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरणा दी।

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