आधार कार्ड रहा तो ही मिलेगा आरटीई के तहत दाखिला
आधार कार्ड रहा तो ही मिलेगा आरटीई के तहत दाखिला
बेंगलूरु। लोक सूचना विभाग (डीपीआई) ने निर्णय लिया है कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत बच्चों को स्कूलों में दाखिला देने के लिए बच्चे के माता-पिता में से किसी एक के पास और बच्चे के पास आधार कार्ड होना चाहिए। आरटीई कानून के तहत निजी और गैर अनुदानित स्कूलों में गरीबी रेखा से नीचे के परिवार से ताल्लुक रखने वाले परिवार के बच्चों को २५ प्रतिशत आरक्षण मिलता है। लोक सूचना विभाग के आयुक्त की ओर से एक विज्ञप्ति जारी कर बताया गया है कि अकादमिक वर्ष २०१७-२०१८ के लिए ऑनलाइन आवेदन देने की प्रक्रिया १ जनवरी २०१७ से शुरु होगी।अपने इलाके में स्थित गैर अनुदानित और गैर अल्पसंख्यक स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिला दिलाने के इच्छुक अभिभावकों को अपने बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए अभिभावकों में से किसी एक का आधार कार्ड संख्या, बच्चे की आधार संख्या, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछ़डी जाति से होने की स्थिति में जाति प्रमाणपत्र, आर्थिक रुप से पिछ़डे वर्ग से होने की स्थिति में आय प्रमाणपत्र और ३१ दिसंबर २०१६ तक बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र उपलब्ध करवाना अनिवार्य है।विभिन्न अनाथालयों के प्रमुखों को भी निर्देश दिया है कि वह अपने अनाथालय में रहने वाले बच्चों के अभिभावक के एकाउन्ट में स्वयं का नाम दर्ज कराएं और बच्चों की आधार संख्या सुनिश्चित करवाएं। विभाग के अधिकारियों ने भी यह कहा है कि बच्चों को दाखिला देने के दौरान उनके अभिभावकों के बारे में दी गई जानकारी की पुष्टि की जाएगी और यदि उनके द्वारा दिया गया विवरण सही पाया जाता है तो ही उन्हें दाखिला दिया जाएगा।सभी अभिभावकों के लिए यह अनिवार्य है कि वह उस इलाके में ही अपने बच्चों का दाखिला करवाएं जिसमंें वह रहते हैं। पिछले वर्ष अभिभावकों की ओर से शिक्षा के अधिकार के तहत दाखिले के लिए दिए गए आवेदन को पहले तो स्वीकार कर लिया गया लेकिन बाद में यह जानकारी होने के बाद उनके आवेदन को निरस्त कर दिया गया कि अभिभावक सीट प्राप्त करने के योग्य नहीं थे क्योंकि उन्होंने अपने प़डोस से बाहर के स्कूल में दाखिले के लिए आवेदन दिया था। लोक सूचना आयुक्त कार्यालय के सूत्रों के अनुसार कुछ आवेदनों को इसलिए निरस्त कर दिया गया था कि वह नकली थे। इस प्रकार की कार्रवाई का मुख्य कारण यह था कि पहले ही चरण में दाखिला प्राप्त करने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों की पुष्टि हो जाए।