कोहली को रवि शास्त्री के साथ अच्छे रिश्तों की उम्मीद
कोहली को रवि शास्त्री के साथ अच्छे रिश्तों की उम्मीद
मुंबई। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को कहा कि उन्हें नए कोच रवि शास्त्री के साथ अच्छे कामकाजी रिश्ते की उम्मीद है क्योंकि टीम निदेशक के रूप में इस पूर्व भारतीय कप्तान के पिछले कार्यकाल के दौरान उन्हें एक दूसरे की अच्छी समझ है। तीन टेस्ट, पांच वनडे और एक टी२० मैच के लिए श्रीलंका दौरे पर रवाना होने से पूर्व कोहली ने पहली बार शास्त्री की नियुक्ति को लेकर अपना नजरिया रखा। शास्त्री इससे पहले वर्ष २०१४ से २०१६ के बीच भारत के टीम निदेशक रहे।शास्त्री की मौजूदगी में कोहली ने कहा, पिछले तीन साल में हमने साथ काम किया है। मुझे नहीं लगता कि मुझे कुछ और समझने की जरूरत है। हमने पहले भी साथ काम किया है, हमें पता है कि क्या अपेक्षा है और क्या उपलब्ध है। मुझे नहीं लगता कि इसके लिए कोई प्रयास करने की जरूरत है। शास्त्री ने अनिल कुंबले की जगह दी है जिनका एक साल का सफल कार्यकाल कोहली के साथ मतभेद के बाद विवादों के बीच खत्म हुआ।जब यह पूछा गया कि पिछले कुछ हफ्तों में जो हुआ उसे उन पर किसी तरह का अतिरिक्त दबाव है, कोहली ने कहा, मुझे नहीं लगता कि कोई अतिरिक्त दबाव है। एक टीम के रूप में हम उपलब्धियां हासिल करने की उम्मीद करते हैं। सभी ने मुश्किल समय का सामना किया है। मैं कोई अतिरिक्त दबाव नहीं लेता। जब तक मैं कप्तान हूं मैं जिम्मेदारी लेता रहूंगा। आपको सिर्फ अपनी मानसिकता का ध्यान रखना होता है। कोहली से कुंबले को लेकर कोई प्रत्यक्ष सवाल नहीं पूछा गया लेकिन खिलाि़डयों और सहयोगी स्टाफ के बीच संवाद से जु़डे सवाल पर कोहली ने कहा, समझ और संवाद सभी चीजों पर लागू होता है। यह क्रिकेट ही नहीं बल्कि किसी भी रिश्ते पर लागू होता है। सभी लोग जीवन में कभी ना कभी रिश्तों से गुजरते हैं, समान नियम लागू होते हैं।
मुंबई। भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि पिछले दो सप्ताह में वह काफी परिपक्व हुए हैं जिस दौरान काफी नाटकीय घटनाक्रम के बाद उन्हें यह पद सौंपा गया था। पद संभालने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के पूर्व टीम निदेशक ने आगे की चुनौतियों के बारे में बात की जिनमें २६ जुलाई से शुरू हो रहा तीन टेस्ट, पांच वनडे और एक टी२० मैच के लिए श्रीलंका का दौरा शामिल है। शास्त्री ने श्रीलंका रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, श्रीलंका के पिछले दौरे से लेकर अब तक मैं काफी परिपक्व हुआ हूं। पिछले दो सप्ताह में मैं काफी परिपक्व हो गया हूं। शास्त्री को वीरेंद्र सहवाग और टॉम मूडी पर तरजीह देकर कोच चुना गया था। एक साल पहले उनकी जगह अनिल कुंबले को तरजीह दी गई थी लेकिन बाद में कप्तान विराट कोहली से मतभेदों के चलते कुंबले ने पद छो़ड दिया। शास्त्री ने कहा कि वह बीती बातों को भूल चुके हैं। उन्होंने कहा, मैं अतीत की बातें लेकर नहीं आया हूं। टीम ने पिछले तीन साल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। टीम इसके लिए प्रशंसा की हकदार है। शास्त्री और कुंबले आते जाते रहेंगे। यदि भारत आजभारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री चाहते हैं कि सचिन तेंदुलकर को राष्ट्रीय टीम का सलाहकार बनाया जाए बशर्ते यह हितों के टकराव का मामला ना हो। शास्त्री ने मंगलवार को बीसीसीआई की विशेष समिति के साथ हुई बैठक में तेंदुलकर को सलाहकार की भूमिका दिए जाने की इच्छा जताई। समिति में कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना, सीईओ राहुल जौहरी, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना एडुल्जी शामिल थी। तेंदुलकर क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य हैं जिसने शास्त्री को कोच चुना। विशेष समिति ने स्पष्ट कर दिया कि भारतीय टीम से जु़डी कोई भी नियुक्ति हितों के टकराव से परे होनी चाहिए। समिति के एक सदस्य ने कहा, रवि ने कुछ समय के लिए सलाहकार के तौर पर सचिन की सेवाएं लेने का सुझाव रखा। समिति ने उन्हें हितों के टकराव के प्रावधान के बारे में बताया। तेंदुलकर यदि सलाहकार बनना स्वीकार करते हैं तो उन्हें आईपीएल से जु़डी अपनी सारी भूमिकायें छो़डनी होगी