अखंड रहे यह ज्योति
हमें उन वीरों-वीरांगनाओं द्वारा प्रज्वलित ज्योति को अखंड रखना है, उसे आगे पहुंचाना है
यह देखकर गर्व होता है कि कोरोना महामारी में भारतीय वैक्सीन ने दुनिया के करोड़ों लोगों की जानें बचाई थीं
आज का सूर्योदय अद्भुत है। आज जो हवा बह रही है, उसमें एक ख़ास तरह का एहसास है। इस सुबह को देखने के लिए हमारे अनेक स्वतंत्रता सेनानियों की आंखें तरस गई थीं। आज हम आज़ादी की जिन हवाओं में सांस ले रहे हैं, उसके लिए भारत मां की अनेक संतानों ने अपनी सांसों और धड़कनों को बलिदान किया था। उन असंख्य पुण्यात्माओं के चरणों में कोटि-कोटि नमन! समस्त देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
हम उन वीरों, वीरांगनाओं, तपस्वियों, बलिदानियों के संघर्ष और त्याग का ऋण नहीं उतार सकते, क्योंकि पूरे ब्रह्मांड में ऐसी कोई चीज़ नहीं है, जो उसके बदले पेश की जा सके। अगर हम उन सपनों को पूरा करने की दिशा में ईमानदारी से कोशिश करें, जिनके लिए उन्होंने अपना जीवन खपा दिया था, तो यह उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।हमें उन वीरों-वीरांगनाओं द्वारा प्रज्वलित ज्योति को अखंड रखना है, उसे आगे पहुंचाना है। उससे हर घर का अंधियारा दूर करना है। भारत को उन्नति, समृद्धि और सद्भाव के नवयुग में लेकर जाना है। यह आनंद का विषय है कि तमाम मुसीबतों, रुकावटों, चुनौतियों और अभावों के बावजूद आज हमारा देश प्रगति-पथ पर निरंतर आगे बढ़ता जा रहा है। अहंकार में डूबे जिन ब्रिटिश नेताओं ने कहा था कि 'भारतीय देश चलाने में सक्षम नहीं हैं', वे देख लें कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत की जनता अपने मताधिकार से सरकार चुनती है। यही नहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भी भारतीय मूल के हैं।
आज भारत के अत्याधुनिक उपग्रह अंतरिक्ष में घूम रहे हैं। अंतरिक्ष विज्ञान और अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों में इसरो का लोहा दुनिया मान रही है। हमारा चंद्रयान-3 मानवता के कल्याण की दिशा में नया कीर्तिमान रचेगा।
जब भारत को आज़ादी मिली थी तो अंग्रेज़ चाहते थे कि इसे ऐसे हालात में छोड़कर जाएं कि यह कई दशकों तक अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सके। देश का विभाजन करवा दिया था। अलगाववाद की आग भड़क उठी थी। ऐसे माहौल में हमारे नीति निर्माताओं ने देश को संभाला, उसे एकजुट किया और धीरे-धीरे सुधार करते हुए विकास की ओर लेकर गए।
यह देखकर गर्व होता है कि कोरोना महामारी में भारतीय वैक्सीन ने दुनिया के करोड़ों लोगों की जानें बचाई थीं। भारत के खेतों में उपजा अन्न दुनिया के कितने ही लोगों का पेट भर रहा है। भारतीय प्रतिभाएं दुनियाभर में छाई हुई हैं। विख्यात तकनीकी कंपनियों के शीर्ष अधिकारी भारतीय मूल के हैं। कभी ऐसे हालात थे कि सुई से लेकर जहाज़ तक विदेशी कारखानों से बनकर आते थे। आज भारतीय कारखाने दुनिया को सामान निर्यात कर रहे हैं।
भारत अपना फौजी साजो-सामान बनाने में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था शीर्ष पांच में शामिल हो गई है। यहां हमने जिस देश को पछाड़ा, वह ब्रिटेन था। निस्संदेह आज भी देश में कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान करना बाकी है। देश में सांप्रदायिकता के विष को समाप्त कर एकता के वृक्ष को सद्भाव के अमृत से सींचना होगा। आज भारत वह देश है, जिसके पास भरपूर युवा शक्ति है, लेकिन बेरोजगारी हिम्मत तोड़ रही है। अगर युवा शक्ति को योग्यता के अनुसार काम मिले तो यह हमें बहुत तेजी से आर्थिक महाशक्ति बना सकती है।
भ्रष्टाचार अब भी बड़ी समस्या बना हुआ है। हालांकि डिजिटलीकरण के कारण इससे लड़ने में मदद मिली है, लेकिन इस रोग से खूब सख्ती से निपटने की जरूरत है। कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी महसूस हुई। सरकारों को चाहिए कि वे इस दिशा में और गंभीरता से काम करें। आयुर्वेद और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को भी प्रोत्साहन दें। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की कुत्सित मनोवृत्ति किसी से छिपी नहीं है। इनमें सुधार की दूर-दूर तक कोई संभावना नजर नहीं आ रही है, इसलिए सुरक्षा बलों व खुफिया तंत्र को अधिक शक्तिशाली बनाकर सदैव सतर्क रहना ही एकमात्र उपाय है।
इसके अलावा बांग्लादेश व म्यांमार जैसे देशों से घुसपैठियों का आगमन रोकना होगा। भारत में जहां-जहां ऐसे लोग अवैध ढंग से निवास कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन्हें स्वदेश भेजना होगा। अन्यथा ये भविष्य में शांति और सद्भाव के लिए खतरा बन सकते हैं।
देश में कानूनी सुधार हो रहे हैं, जो प्रसन्नता की बात है। देश तीन तलाक, अनुच्छेद 370, 35ए जैसे अवरोधों से आगे बढ़ चुका है। अब समान नागरिक संहिता समेत अन्य सुधारों पर विचार करना चाहिए। हमारे स्वतंत्रता सेनानी, अमर बलिदानी और नीति निर्माता जैसा भारत बनाना चाहते थे, उसका मार्ग इन्हीं सुधारों से होकर निकलेगा।