कनाडा में भी लगे 'जय श्री राम’ और ‘बंटेंगे तो कटेंगे' के नारे
कनाडा में दंगाइयों ने हिंदू मंदिर को निशाना बनाया
Photo: JustinPJTrudeau FB Page
अशोक भाटिया
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ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर के बाहर प्रदर्शन कर रहे कुछ लोग खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगा रहे हैं| कनाडा के इतिहास में शायद पहली बार किसी हिंदू मंदिर में इस तरह खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे हैं| इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिंदुओं में इस घटना को लेकर कितना गुस्सा है, जो इस रूप में बाहर आ रहा है| इससे पहले सोमवार को भी मंदिर के बाहर सैकड़ों श्रद्धालु जुटे और ’जय श्रीराम’ और ’बटेंगे तो कटेंगे’ के नारे लगाए|
भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह के तौर पर उभरे कनाडा में दंगाइयों ने हिंदू मंदिरों को निशाना बना रहे है| श्रद्धालुओं पर हमले किए जा रहे हैं| भारतीय राजनयिकों पर हमले की कोशिश की है| जस्टिन ट्रूडो की सरकार भारतीय राजनयिकों की निगरानी कर रही है| उनकी जासूसी कर रही है| कनाडाई आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद ट्रूडो ने भारत पर बेतुके आरोप लगाए| तब से दोनों देशों के रिश्ते गर्त में पहुंच चुके हैं| अब हिंदू मंदिरों पर ट्रूडो सरकार के पाले गुंडों और दंगाइयों के हमले ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी है|
यहॉं पंजाब में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी सरकार पर खालिस्तानियों को अपरोक्ष रूप से सपोर्ट करने का आरोप लगते रहे हैं| पर जिस तरह पंजाब सरकार लगातार कनाडा में खालिस्तानियों को लेकर हुई घटनाओं पर आंख मूंदे हुए है वो उन आरोपों की पुष्टि कर रहे हैं जो अब तक उन पर लगता रहा है| पंजाब सरकार भारत-कनाडा विवाद पर टिप्पणी करने से इनकार करती रही है| अब भारत और कनाडा को लेकर लगातार माहौल खराब हो रहा के बावजूद पंजाब सरकार की रहस्यमय चुप्पी समझ से परे है| जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह की कांग्रेस सरकार ने इस तरह कभी भी कट्टरपंथियों के आगे हाथ नहीं डाले थे| पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है| कनाडा में निज्जर हत्याकांड के बाद वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जिस तरह से अपनी राजनीति चमकाने के नाम पर लगातार भारत को टार्गेट कर रहे हैं, जिस तरह वहां हिंदुओं को बार-बार खालिस्तानी उग्रवादी टार्गेट कर रहे हैं उसके चलते एक बार फिर पंजाब अशांति की ओर जा सकता है| पिछले महीने इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर की माने तो पंजाब सरकार के कुछ मंत्रियों ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, हालांकि एक ने कहा कि पार्टी ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है|