दिल बहादुर का दमदार प्रहार, पलक झपकते ही 8 पाकिस्तानी जवानों का कर दिया संहार

दिल बहादुर का दमदार प्रहार, पलक झपकते ही 8 पाकिस्तानी जवानों का कर दिया संहार

दिल बहादुर का दमदार प्रहार, पलक झपकते ही 8 पाकिस्तानी जवानों का कर दिया संहार

महावीर चक्र विजेता दिल बहादुर छेत्री

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कहा जाता है कि दुनिया के अन्य देशों के पास सेना है, लेकिन पाकिस्तानी सेना के पास एक देश है। अपनी हुकूमत कायम रखने के लिए वह हमेशा अशांति का माहौल बनाकर रखती है। पाकिस्तान की फौज वह नापाक किरदार है जिसकी वजह से उसका मुल्क दो टुकड़ों में टूट गया और वह दूसरा टुकड़ा आज बांग्लादेश के रूप में सुकून की सांस ले रहा है।

Dakshin Bharat at Google News
बांग्लादेश की आज़ादी के इस यज्ञ में भारतीय सेना के अनेक वीरों का योगदान और बलिदान रहा है। राइफलमैन दिल बहादुर छेत्री का नाम भी इन योद्धाओं में शामिल है। उनका जन्म नेपाल के मट्टा डांग जिले में 21 अगस्त, 1950 को हुआ था। वे अगस्त, 1968 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वे गोरखा राइफल्स (फ्रंटियर फोर्स) के जांबाज सैनिक रहे हैं।

जब दिसंबर 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ा तो दिल बहादुर की बटालियन को सिलहट की ओर बढ़ते हुए दुश्मन को हटाने का आदेश मिला। भारतीय सेना के जवान अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जा रहे थे। गोलाबारी हो रही थी, युद्ध जोरों पर था।

इसी दौरान भारतीय जवानों के रास्ते में दुश्मन की एक एमएमजी पोस्ट आ गई। यह एतग्राम इलाके में स्थित थी और यहां से भारतीय जवानों की ओर लगातार फायर आ रहा था। अब आगे बढ़ने के लिए जरूरी था कि दुश्मन की इस पोस्ट पर कब्जा किया जाए।

लेकिन यह कैसे हो? पोस्ट पर काफी संख्या में पाकिस्तानी जवान तैनात थे। वहीं, यहां तक पहुंचने के रास्ते में गोलाबारी के कारण काफी खतरा था। पूरी स्थिति का आकलन कर दिल बहादुर ने इस पोस्ट को नष्ट करने का संकल्प लिया।

वे दुश्मन की गोलाबारी के बीच रास्ता बनाते हुए उस पोस्ट तक पहुंचे, खुखरी (एक धारदार हथियार) निकाली और पूरी ताकत के साथ धावा बोल दिया। जब तक पाकिस्तानी जवान कुछ समझ पाते, बाजी उनके हाथ से और प्राण शरीर से निकल चुके थे।

राइफलमैन दिल बहादुर छेत्री ने इस पोस्ट पर कब्जा कर लिया। जब गिनती की तो पता चला कि उन्होंने खुखरी से पाकिस्तान के आठ जवानों का संहार कर दिया। इसके बाद तो जीत का यह सिलसिला आगे ही बढ़ता गया और भारतीय सेना ने ढाका पहुंचकर वह कारनामा कर दिखाया जिसे पाकिस्तान चाह कर भी भूल नहीं पाएगा। राइफलमैन छेत्री को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download