न्यायमूर्ति जोसेफ को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत करने की सिफारिश लौटाई

न्यायमूर्ति जोसेफ को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत करने की सिफारिश लौटाई

नई दिल्ली/भाषासरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनाने की कोलेजियम की सिफारिश गुरुवार को उच्चतम न्यायालय को लौटा दी। सरकार ने कहा है कि यह प्रस्ताव शीर्ष अदालत के मानदंडों के अनुरूप नहीं है और उच्चतर न्यायपालिका मे पहले से ही केरल का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है। कोलेजियम की सिफारिश लौटाने को सही ठहराते हुए केन्द्र ने गुरुवार को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को इस संबंध में विस्तृत पत्र लिखा जिसमें अपने निर्णय के बारे में कोलेजियम को विस्तार से बताया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठता हो सकता है कि महत्वपूर्ण विचारणीय बिन्दु नहीं हो।केन्द्रीय विधि मंत्रालय के इस पत्र में कहा गया है कि न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम पर फिर से विचार करने के प्रस्ताव को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की मंजूरी थी। इसमें कहा गया है कि शीर्ष अदालत में पहले से ही न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ हैं जिन्हें केरल उच्च न्यायालय से आठ मार्च, २०१३ को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया गया था। इसके अलावा उच्च न्यायालय के दो अन्य मुख्य न्यायाधीश टी बी राधाकृष्णन और एंटनी डोमिनिक हैं जिनका मूल उच्च न्यायालय केरल था। इसमें कहा गया है कि इस समय केरल उच्च न्यायालय से ही एक और न्यायाधीश को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति देना न्यायोचित नहीं लगता है क्योंकि यह अन्य उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों के वैध दावों पर गौर नहीं करता और उनके दावों को पहले ही रोकता है।विधि मंत्रालय के संदेश में कहा गया है कि इस बात का उल्लेख करना उचित होगा कि केरल उच्च न्यायालय का उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व है। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कोलेजियम में पांच न्यायाधीश हैं। इनमें न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ शामिल हैं।

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