चामराजपेट ईदगाह मैदान पर उच्च न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया
अंतरिम आदेश में कहा गया है कि यहां की दो एकड़ से ज्यादा जमीन का इस्तेमाल सिर्फ खेल के मैदान के तौर पर किया जाना चाहिए
बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने विवादित चामराजपेट ईदगाह खेल मैदान पर यथास्थिति बनाए रखने को लेकर बृहस्पतिवार को अंतरिम आदेश जारी किया।
अंतरिम आदेश में कहा गया है कि यहां की दो एकड़ से ज्यादा जमीन का इस्तेमाल सिर्फ खेल के मैदान के तौर पर किया जाना चाहिए और सिर्फ बकरीद एवं रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय इसका इस्तेमाल नमाज के लिए कर सकता है।कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड और बेंगलूरु के जिला वक्फ अधिकारी ने बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के संयुक्त आयुक्त (पश्चिम) के सात अगस्त के आदेश को चुनौती दी थी।
बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त ने संयुक्त आयुक्त (पश्चिम) को भूमि के स्वामित्व को सत्यापित करने का निर्देश दिया था। संयुक्त आयुक्त ने बाद में सात अगस्त को निर्णय दिया था कि यह भूमि राजस्व विभाग की है।
मूल संपत्ति विवाद 1955 का है और उच्चतम न्यायालय ने 1965 में वक्फ के पक्ष में फैसला सुनाया था।
ईदगाह मैदान को लेकर दशकों पुराना विवाद इस साल की शुरुआत में उस वक्त एक बार फिर सामने आया था, जब कुछ हिंदू संगठनों ने वहां कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बीबीएमपी की अनुमति मांगी थी।
इस बीच, बीबीएमपी अधिकारी के आदेश के बाद, कई हिंदू संगठनों ने घोषणा की कि वे इस मैदान पर स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे, जबकि स्थानीय कांग्रेस विधायक बीजेड ज़मीर अहमद खान ने घोषणा की थी कि वह तिरंगा फहराएंगे।
हालांकि, राज्य के राजस्व विभाग ने इस मैदान पर स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया और एक सहायक आयुक्त-रैंक के अधिकारी ने पहली बार 15 अगस्त को ईदगाह मैदान पर झंडा फहराया।
इस बीच, कुछ हिंदू संगठनों ने खेल के मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने की मांग की।