ट्रेनों को बेपटरी कर निर्दोषों की जान लेने का आतंकी मॉड्यूल

कालिंदी एक्सप्रेस हादसे के बाद पुलिस के रडार पर कानपुर से लेकर कन्नौज तक के अपराधी हैं

ट्रेनों को बेपटरी कर निर्दोषों की जान लेने का आतंकी मॉड्यूल

जीआरपी और आरपीएफ को भी सक्रिय किया गया है

मनोज कुमार अग्रवाल
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देश में ट्रेन को बेपटरी कर निर्दोषों का खून खराबा करने की एक बड़ी साजिश को किसी आतंकी मोड्यूल के तहत बारंबार रिहर्सल कर अंजाम देने की कोशिश की जा रही है| कौन हैं यह देश के छिपे गद्दार जो किसी मजहबी कट्टरपंथी सोच या पैसे के लिए देश की रेल को बार बार पटरी से उतारने का खूनी खेल रचने के लिए उतावले है? आप जानते हैं कि भारतीय रेल दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है दुनिया के कई देशों की कुल आबादी के बराबर की तादाद में लोग हमारी रेल में हर समय सफर कर रहे होते हैं| दरअसल, भारतीय रेलवे से हर दिन एक लाख किमी से अधिक फैले देशव्यापी ट्रेक नेटवर्क पर करीब ढाई करोड़ यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाती है| इन दिनों देश में रेल हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है अधिकांश हादसे ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण हो रहे हैं| आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले १४ महीनों में चार बड़े रेल हादसे हुए हैं, जिसमें ३२० से ज्यादा यात्रियों ने अपनी जान गंवाई है| रेल को पटरी से उतारने के पीछे असामाजिक तत्वों की शरारत भरी साजिश की आशंका व्यक्त की जा रही थी लेकिन ताजा हादसे में शरारती तत्वों की साजिश के पुख्ता प्रमाण मिले हैं|

कानपुर मंडल में बीते २४ दिनों में तीसरी बार ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने की कोशिश हो चुकी है| गनीमत रही कि तीनों ही साजिश में ट्रेन संचालन तो बाधित हुआ पर किसी में कोई जनहानि नहीं हुई| तीन में से २ साजिश कानपुर-कासगंज रेलमार्ग पर तो एक साजिश कानपुर-झांसी रेलमार्ग पर रची गई| देश भर में ट्रेनों को बेपटरी कर हजारों रेल यात्रियों की जान से खिलवाड़ करने की कोशिश की जा रही है| यकायक कुछ माह के भीतर ही ऐसी अनेक हादसों की तादाद बढ़ जाना चिंता का विषय है| शुरू में इन हादसों को सामान्य रखरखाव में चूक माना गया लेकिन इस के बाद देश के कई हिस्सों में जिस तरह ट्रेन बेपटरी होने की वारदातों की झड़ी लगी है उसने साफ कर दिया है कि इन हादसों के पीछे सोची समझी साजिश काम कर रही है|    
झांसी रेलमार्ग पर बोल्डर को ट्रैक से बांधकर साबरमती एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त करने की जांच ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है| हाल ही में कानपुर-बिल्हौर के बीच कालिंदी एक्सप्रेस के सामने भरा गैस सिलेंडर रख उड़ाने की कोशिश की गई पूर्वोत्तर रेलवे ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं|

आपको बता दें कि इस से पहले भी दो बार इस तरह की वारदातों को अंजाम देने का षडयंत्र रचाई जा चुका है| इनमें नं १. साबरमती एक्सप्रेस- २२ डिब्बे पटरी से उतरे-पहली घटना १६ अगस्त को कानपुर से अहमदाबाद को चली १९१६८ साबरमती एक्सप्रेस गोविंदपुरी और भीमसेन के पास बोल्डर (रेल पीस) से टकरा गई| फिर इंजन सहित २२ कोच डिरेल हो गए| वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी), जिला पुलिस और एनआईए की जांच में पता चला है कि पुरानी रेल का १.१० मीटर टुकड़ा झांसी रेलमार्ग पर बोल्ट से बांधा गया था| मौके से रेल टुकड़ा मिला था|दूसरी घटना फर्रुखाबाद-कासगंज पैसेंजर १६ दिन पहले फर्रुखाबाद में घटना को अंजाम देने की कोशिश की गई| बीती २४ अगस्त को फर्रुखाबाद से कासगंज जा रही पैसेंजर ट्रेन के आगे ट्रैक पर लकड़ी का गट्ठर रख दिया गया था| ट्रेन की स्पीड अधिक होने से बड़ा हादसा टला था|अब यह तीसरी वारदात है जिसमें सिलेंडर, पेट्रोल बम रखकर साजिश कल यानी रविवार देर रात को कासगंज रूट पर ट्रैक पर भरा सिलेंडर रखकर पलटाने की साजिश की गई| मौके पर पेट्रोल बम भी मिलने की आशंका है| फिलहाल ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी| जांच की जा रही है|

तीनों ही मामले ट्रैक से जुड़े हैं| रेलवे की खुफिया एजेंसी का कहना है कि लगता है कि किसी की साजिश है| इज्जतनगर के पीआरओ राजेंद्र सिंह का कहना है कि कालिंदी एक्सप्रेस के सिलेंडर से टकराने का मेमो चालक राजकिशोर ने दिया है| इसकी आरपीएफ टीम जांच कर रही है| सच्चाई का जल्द खुलासा होगा| शिवराजपुर की मुंढेरी क्रॉसिंग के पास कालिंदी एक्सप्रेस से सिलेंडर टकराने की घटना के बाद दो कोल्ड स्टोरेज, भोजनालय और पेट्रोल पम्प समेत अन्य प्रतिष्ठान जांच के दायरे में आ गए हैं| पुलिस और खुफिया एजेंसियों की टीम इन प्रतिष्ठानों के लोगों से सम्पर्क कर वहां से सीसीटीवी फुटेज जुटाने का प्रयास कर रही है|घटनास्थल के १०० से लेकर ३०० मीटर के दायरे में दो कोल्ड स्टोरेज, एक भोजनालय, पेट्रोल पम्प और एक मैदा मिल है| फायर स्टेशन क्रॉसिंग के पास ही बना है| पुलिस अफसरों और खुफिया एजेंसियों के लोगों ने सरकारी संस्थानों के अलावा कोल्ड स्टोरेज, मैदा मिल और भोजनालय संचालक से सम्पर्क किया है| पुलिस को जांच करने के दौरान दो सीसीटीवी कैमरे लगे होने की जानकारी मिली है| पुलिस सूत्रों के मुताबिक घटनास्थल से एक किलोमीटर दूर से आबादी क्षेत्र शुरू हो जाता है| इलाके में हाल फिलहाल कोई नया किराएदार रहने के लिए आया हो जानकारी जुटा रहे हैं| दिल्ली, लखनऊ के सम्पर्क में खुफिया एजेंसियां एटीएस और आईबी के अधिकारी घटना के बाद दिल्ली और लखनऊ के सम्पर्क में हैं| पांच वर्षों में ट्रेनों में हुई संदिग्ध घटनाओं में जो भी नाम प्रकाश में आए हैं| उनके बारे में भी जानकारी जुटाई रहे|

कालिंदी एक्सप्रेस हादसे के बाद पुलिस के रडार पर कानपुर से लेकर कन्नौज तक के अपराधी हैं| पुलिस ने हादसे के बाद छापेमारी की हैं| अभी तक १० लोगों को हिरासत में लिया है| वहीं, पुलिस का मानना है कि सिलेंडर और बारूद का भरा झोला शुरुआती क्लू हो सकता है|जिस झोले में बारूद मिली हैं, उस झोले पर एक मिठाई दुकान का नाम लिखा है| यह दुकान कन्नौज में है| अब कन्नौज कनेक्शन भी तलाश जा रहा है| पुलिस ने कन्नौज के उस दुकान का सीसीटीवी फुटेज भी अपने कब्जे में लिया है, जिस दुकान का झोला कानपुर में मिला है| इसलिए पुलिस ने कानपुर से लेकर कन्नौज तक के कई फुटेज अपने कब्जे में लिए हैं|  इसके लिए जीआरपी और आरपीएफ को भी सक्रिय किया गया है|

पुलिस इस हाथ से जुड़ी कड़ियों को खोजने का प्रयास कर रही है| इसके लिए पुलिस पकड़े गए संदिग्धों के साथ अलग-अलग पूछताछ कर रही है| इसके अलावा आसपास के जो गांव हैं, वहां पर जो अपराधी प्रवृत्ति के लोग रहते हैं, उनकी पिछले कुछ दिनों की गतिविधियों को भी पुलिस ने जानना शुरू कर दिया है| हादसे के बाद घटनास्थल के आसपास जितने भी गांव है| वहां पर खुफिया एजेंसी के साथ कई और टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया हैं| हादसे के बाहर गांव के हर एक संदिग्ध पर पुलिस की निगाह बनी हुई है|कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश के मामले में शिवराजपुर थाने की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है| इसके साथ ही ६ संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया गया है| पुलिस ने अपने रडार पर इलाके के जमातियों को भी लिया है| जांच के लिए पुलिस कमिश्नर ने ६ टीमों का गठन किया है| वहीं, दूसरी तरफ मामले की जांच के लिए एटीएस और आइबी की टीमों ने भी डेरा डाल दिया है| एटीएस आईजी एन. चौधरी ने कहा- मौके पर जांच पड़ताल की है| जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं, सभी पहलुओं पर हम लोग जांच कर रहे हैं|चौबेपुर थाना, शिवराजपुर थाना और बिल्हौर थाने की अलग-अलग टीमें हादसे की जांच करेंगी| इसके साथ ही एक टीम सर्विलांस, एक स्वाट टीम और एक टीम  वरिष्ठ अधिकारी एलआईयू की अध्यक्षता में गठित की गई है| पुलिस की छह टीमों ने ट्रेन पलटाने की साजिश का खुलासा करने के लिए जांच शुरू कर दी है|

डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह के अनुसार मौके पर मिले सियाराम स्वीट्स के झोले और माचिस की डिब्बी से जांच शुरू की गई है| छिबरामऊ स्थित सियाराम स्वीट्स के झोले में विस्फोटक और पेट्राल बम को रखकर लाया गया था| मौके पर मिले बोतल बम में पेट्रोल ही है| पाउडर को भी जांच के लिए फोरेंसिक ने सैंपल लिया है| एटीएस की टीमों ने भी मौका-मुआयना कर जांच शुरू की है|हादसे में इस्तेमाल सिलेंडर के घिसटने के चिह्न मिले| आगे तलाश करने पर गैस सिलेंडर  में दाहिनी ओर झाड़ी में मिला| इससे ऐसा लग रहा कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा ट्रेन को पलटाने की साजिश रची गई| इससे भारी जनहानि हो सकती थी| सवाल यह है कि आखिर कौन है जो रेलगाड़ी को बेपटरी कर हजारों यात्रियों की जान से खिलवाड़ करने की साजिश रच रहा है| खुफिया व जांच एजेंसियों के लिए ऐसे असामाजिक अराजक देशद्रोही तत्वों को सामने लाना चुनौती भरा टास्क है| तमाम एजेंसियों को अपनी सामर्थ्य के बूते पर ऐसे देश के भीतर छिपे गद्दारों को बेनकाब करना होगा ताकि देश की सम्पत्ति और नागरिकों की जान से खिलवाड़ करने वाले बेनकाब हो सके|

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