हरियाणा ने जातिवाद को नकारा, क्षेत्रीय पार्टियां पूरी तरह साफ़
जात-पात की राजनीति अब चुनाव में जीत की गारंटी नहीं रही
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प्रियंका सौरभ
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आज से बीस दिन पहले मैंने अनुमान लगाया था कि हरियाणा में बीजेपी 47 से ज्यादा सीट्स लेगी और ये बिलकुल सच साबित हो रहा है| कारण बीजेपी ने हर वर्ग के लिए अपना शत प्रतिशत दिया| जनता को वो सब मिला जो जनता चाहती थी| कुछ कमियॉं थीं जो सैनी साहब ने आकर पूरी कर दीं| मुझे लगता है कि ये कमियॉं थोड़ा और पहले पूरी की होतीं तो बीजेपी और ज्यादा सीटों के साथ आती| खैर, विपक्ष भी जरूरी होता है लोकतंत्र में ताकि सत्ता की आंखें खुली रहें, वो धृतराष्ट्र न बन जाएँ| कांग्रेस ने दो दिन खूब खुशियॉं मनाई, किसने रोका था, मना भी लेनी चाहिए| लेकिन अतिआत्मविश्वास बहुत घातक होता है, जो कांग्रेस के सर चढ़कर बोला दो दिन| इनको क्या पता था कि बिस्मार्क को पटकनी देगी बीजेपी| शाह की चाल बड़ी शांत है, मगर विजेता जैसी है| कौटिल्य भी हरियाणा के परिणाम देखकर सोच रहे होंगे कि मैं क्या पढ़ना भूल गया| एग्जिट पोल ने जैसी हवा छोड़ी थी, वह बिलकुल उल्टा हुआ है| इसका मतलब मीडिया और उसकी एजेंसियॉं जनता के हित में काम क्यों नहीं कर रही या इनको केवल अपनी टीआरपी और विज्ञापनों से मतलब है| ये एक तरह से धंधा है, इनको ये सब अफवाह फैलाने का पैसा मिलता होगा| एग्जिट पोल वालों कभी तो सही पोल दिखाओ,कांग्रेस वालों को डर था कि लोकसभा वाले एग्जिट पोल की तरह ये भी झूठ ना हो और झूठा साबित हो गया| खुले आम सट्टा चल रहा है, क्या ये कानून सही है? अगर नहीं, तो एजेंसियॉं इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करतीं?
जात-पात की राजनीति अब चुनाव में जीत की गारंटी नहीं, चुनाव में राजनीतिक दलों ने जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ही उम्मीदवार उतारे थे, मगर जाट और गैर जाट का फैक्टर ज्यादा काम नहीं कर पाया और मतदाताओं ने अच्छी छवि वाले दूसरी जातियों के प्रत्याशियों को भी चुनकर विधान सभा भेजा| मोदी लहर पर सवार भाजपा ने इसका पूरा लाभ उठाते हुए न केवल चुनाव में 48 सीटें जीती, बल्कि विधानसभा चुनाव में भी सबसे ज्यादा सीटें हासिल करते हुए प्रदेश में सरकार बनाई है| लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का जिंदा रहना जरूरी है| ताकि सामाजिक मुद्दों पर सामाजिक न्याय सभी को मिल सके| साथ ही क्षेत्र के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में तीव्रता आ सके| राजनीति सामाजिक बदलाव के आयामों पर होनी चाहिए| जैसे नौकरी, व्यवसाय, रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर, महंगाई, संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा, इन सब पर कौन सी राजनीतिक पार्टी खरी उतरती है, ये भविष्य के गर्भ में चुनाव से सिद्ध होती है| चौधर के तो लात मार दी भाइयो हरियाणा की जनता नै.. 36 बिरादरी की सरकार बनेगी, हरियाणा ने सिद्ध कर दिया है कि अभी भी वहां की मिट्टी में कुरुक्षेत्र की भावना शेष है| हरियाणा की जनता की समझ की बदौलत भाजपा तीसरी बार आ चुकी है| हरियाणा के जनादेश ने देश को एक बड़ा संकेत दिया है, उसकी तरफ़ भी देश भर के लोगों को ध्यान देना चाहिए| हरियाणा में क्षेत्रीय पार्टियां पूरी तरह साफ़ हो गई हैं| हरियाणा ने फिलहाल क्षेत्रवाद और जातिवाद को नकार दिया है|जातिवाद को नकारने वालों को हृदय से प्रणाम|