आईएफए सम्मेलन में नवाचार और रणनीतिक तालमेल पर जोर दिया गया
आईएफए की भूमिका की सराहना की गई

अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ गहन सहयोग का आह्वान किया गया
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। रक्षा मंत्रालय (वित्त) द्वारा आयोजित दो दिवसीय आईएफए सम्मेलन 2025 शुक्रवार को हंपी में संपन्न हुआ। इसमें रक्षा प्रतिष्ठान की वित्तीय संरचना के भीतर नवाचार, डेटा-संचालित हस्तक्षेप और रणनीतिक तालमेल को मजबूत करने का दृढ़ संकल्प लिया गया।
यह सम्मेलन रक्षा मंत्रालय द्वारा साल 2025 को ‘सुधार वर्ष’ के रूप में मनाने के आह्वान के अनुरूप था, जिसका मकसद सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत, युद्ध के लिए तैयार बल में बदलना है।रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने समापन भाषण देते हुए रक्षा वित्तीय प्रणालियों में पारदर्शिता, जवाबदेही और इसके महत्त्वपूर्ण प्रवर्तक के रूप में एकीकृत वित्तीय सलाहकारों (आईएफए) की भूमिका की सराहना की।
उन्होंने परिणाम देने में तंत्र को मजबूत करने, उभरती टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने और ज्यादा परिचालन दक्षता के लिए विभागों में सहयोग को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया।
रक्षा सचिव ने प्रोजेक्ट 'सम्पूर्ण' के महत्त्व पर भी प्रकाश डाला, जिसका मकसद वित्तीय प्रबंधन में एआई, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस को एकीकृत करना है, जिससे स्वचालन और दक्षता के नए युग की शुरुआत होगी। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग सशस्त्र बलों के लिए आधुनिक, सक्रिय और पारदर्शी वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए प्रोजेक्ट 'सम्पूर्ण' का लाभ उठाने का इच्छुक है।
सीजीडीए डॉ. मयंक शर्मा ने प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत 2047’ के विजन और आत्मनिर्भर सशस्त्र बलों के विकास के लिए विभाग की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया।
रक्षा सचिव और सीजीडीए, दोनों ने रक्षा वित्तीय प्रबंधन में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को लाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों, थिंक टैंकों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ गहन सहयोग का आह्वान किया।
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