भारत और श्रीलंका के संबंध आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित हैं: मोदी
प्रधानमंत्री को 'मित्र विभूषण' पदक से सम्मानित किया गया

Photo: @narendramodi X account
कोलंबो/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को श्रीलंका द्वारा 'मित्र विभूषण' पदक से सम्मानित किया गया। उन्होंने श्रीलंकाई राष्ट्रपति दिसानायके कोलंबो के साथ प्रेसवार्ता को भी संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह सम्मान गौरव की बात है। यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का सम्मान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए यह गर्व का विषय है कि हमने एक सच्चे पड़ोसी मित्र के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। चाहे साल 2019 का आतंकी हमला हो, कोविड महामारी हो, या हाल में आया आर्थिक संकट; हर कठिन परिस्थिति में, हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहे हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी पड़ोस प्रथम नीति और विज़न ‘महासागर’, दोनों में श्रीलंका का विशेष स्थान है। भारत ने 'सबका साथ सबका विकास' के विजन को अपनाया है। हम अपने पार्टनर देशों की प्राथमिकताओं को भी महत्त्व देते हैं। पिछले छह महीनों में ही हमने 100 मिलियन डॉलर से अधिक राशि के लोन को ग्रांट में बदला है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और आत्मीयता भरे संबंध हैं। मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी है कि साल 1960 में गुजरात के अरावली में मिले भगवान बुद्ध के पुरावशेष को श्रीलंका में दर्शन के लिए भेजा जा रहा है। त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर के रिनोवेशन में भारत सहयोग देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। हम सहमत हैं कि इस मामले में एक मानवीय अप्रोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमने मछुआरों को तुरंत रिहा किए जाने और उनकी बोट्स को वापस भेजने पर भी बल दिया। भारत और श्रीलंका के संबंध आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित हैं।
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