उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वालों से ममता बनर्जी ने क्या कहा?
25,753 शिक्षकों की नौकरी चली गई

Photo: BanglarGorboMamata FB Page
कोलकाता/दक्षिण भारत। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद स्कूल की नौकरी गंवाने वाले पात्र उम्मीदवारों को सोमवार को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वे बेरोजगार न रहें या उनकी सेवा में कोई रुकावट न आए।
बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने 3 अप्रैल को बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए पूरी चयन प्रक्रिया को 'दूषित' बताया था।ममता बनर्जी ने प्रभावित उम्मीदवारों और स्कूल कर्मचारियों के साथ बैठक में कहा, 'मैं उन लोगों के साथ खड़ी रहूंगी, जिन्होंने अन्यायपूर्ण तरीके से अपनी नौकरी गंवा दी है। मुझे परवाह नहीं है कि दूसरे क्या सोचते हैं। मैं आपकी गरिमा को बहाल करने के लिए सबकुछ करूंगी।'
उन्होंने कहा, 'हमारे पास यह सुनिश्चित करने के लिए अलग से योजनाएं हैं कि पात्र उम्मीदवारों को सेवा में किसी भी तरह की रुकावट का सामना न करना पड़े। हम उन्हें बेरोजगार नहीं रहने देंगे।'
राज्य सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान करने की बात दोहराते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि प्रशासन स्थिति को 'अत्यंत सावधानी और निष्पक्षता' के साथ संभालने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि उनका नाम ऐसी चीज में घसीटा जा रहा है जिससे उनका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने स्कूल में नौकरियों में नियुक्तियों में विसंगतियों का जिक्र किया।
बनर्जी ने कहा, 'अगर कोई मुझे स्कूल की नौकरी खोने वालों के साथ खड़े होने के लिए दंडित करना चाहता है तो मैं जेल जाने के लिए भी तैयार हूं।'