हम वोट के खातिर 'इधर से उधर' डिगे नहीं, सत्ता के लिए समझौता नहीं किया: जेपी नड्डा

भाजपा का 46वां स्थापना ​दिवस मनाया गया

हम वोट के खातिर 'इधर से उधर' डिगे नहीं, सत्ता के लिए समझौता नहीं किया: जेपी नड्डा

Photo: @BJP4India X account

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के 46वें स्थापना दिवस पर यहां मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज हम भाजपा का 46वां स्थापना ​दिवस मना रहे हैं। आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज राम नवमी भी है। आप सभी को राम नवमी की भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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जेपी नड्डा ने कहा कि हम सब लोग राष्ट्र के पुनर्निर्माण में एक राजनीतिक आंदोलन के रूप में इस सफर में अपने-आप को शामिल करते हैं। इसलिए हमें याद रखना चाहिए कि साल 1951 में भारतीय जनसंघ के रूप में हमारे राजनीतिक आंदोलन की यात्रा शुरू हुई। राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए साल 1977 में कुछ समय के लिए हम जनता पार्टी में शामिल हुए और साल 1980 में अपने वैचारिक वैशिष्ट्य को लेकर 'भारतीय जनता पार्टी' के रूप में इस आंदोलन को आगे बढ़ाया।

जेपी नड्डा ने कहा कि हम वोट के खातिर इधर से उधर डिगे नहीं, सत्ता पाने के लिए हमने विचारधारा के साथ कोई समझौता नहीं किया। भाजपा अकेली राजनीतिक पार्टी है, जिसने वैचारिक अधिष्ठान को अडिग रखा है और उसी की ताकत से आगे बढ़ रही है।

जेपी नड्डा ने कहा कि साल 1965 में पं. दीन दयाल उपाध्याय ने एकात्म मानव दर्शन का व्याख्यान दिया था। हमारा उस समय मजाक उड़ता था, क्योंकि कार्ल मार्क्स के चश्मे से देखने वाले लोग एकात्म मानववाद सोच सके, यह कल्पना से बाहर था और कांग्रेस का धीरे-धीरे वैचारिक रूप से कमजोर पड़ना शुरू हो चुका था। लेकिन भाजपा ने एकात्म मानववाद को आगे बढ़ाया और मोदी के नेतृव में 'सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास' के रूप में अंत्योदय को आगे बढ़ाया गया।

जेपी नड्डा ने कहा कि साल 1987-88 में पालमपुर के अधिवेशन में आडवाणी की अध्यक्षता में एक प्रस्ताव पारित हुआ कि हम राम जन्मभूमि मंदिर बनने के रास्ते को प्रशस्त करेंगे। आपने देखा, लंबी लड़ाई के बाद भव्य राम मंदिर बना।

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